Prayagraj: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित ज्ञानवापी परिसर मामले से जुड़ी मुस्लिम पक्ष की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई शुरू हो गई है। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने जिला जज वाराणसी द्वारा वैज्ञानिक सर्वे की अनुमति देने वाले आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की सिंगल बेंच सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अर्जेंसी के आधार पर इस मामले में सुनवाई कर रही है।
चीफ जस्टिस कोर्ट रुम में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन, सौरभ तिवारी और विजय शंकर रस्तोगी मौजूद हैं, जबकि मुस्लिम पक्ष से सीनियर एडवोकेट सैय्यद फरमान अहमद नकवी पक्ष रख रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में यूपी के महाधिवक्ता अजय मिश्र मौजूद हैं। केंद्र सरकार की ओर से एडीशनल सॉलीसीटर जनरल भी कोर्ट में मौजूद हैं। हालांकि केंद्र और राज्य सरकार पक्षकार नहीं है, लेकिन मामले के बेहद संवेदनशील होने के चलते केंद्र व राज्य के अधिवक्ता मौजूद हैं।
मुस्लिम पक्ष ने तीन आपत्तियां जताई
सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की तरफ से तीन आपत्तियां जताई गई. मुस्लिम पक्ष ने कहा कि ASI ने इस मामले में इतनी तेजी क्यों दिखाई? सर्वे से ज्ञानवापी के मूल स्वरूप को नुकसान हो सकता है। SC ने निचली अदालत को कहा था कि मुकदमा सुनने लायक है अथवा नहीं? इससे आगे बढ़कर सर्वे कराने का फैसला दे दिया गया।
हिंदू पक्ष की दलील
हिंदू पक्ष का कहना है कि राम जन्म भूमि में ऐसा सर्वे हुआ था। लेकिन वहां कोई नुकसान किसी तरह का नहीं हुआ। मुस्लिम पक्ष सर्वे से क्यों डर रहा है, सच्चाई सामने आने क्यों नहीं देना चाहता?