Krishna Janmabhoomi Case: मथुरा कृष्ण जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए उन्हें हाईकोर्ट जाने का आदेश दिया है. दरअसल, मस्जिद कमेटी की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें हाईकोर्ट ने इस विवाद से जुड़े 15 मुकदमों को एक साथ जोड़कर सुनवाई करने का निर्णय लिया था.
Krishna Janmabhoomi Case: शीर्ष अदालत ने दिया आदेश
पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए मुस्लिम पक्ष को आदेश दिया कि “याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को वापस लेने का आह्वान किया है. हम हाईकोर्ट के समक्ष पुनर्विचार याचिका को पुनर्जीवित करने की स्वतंत्रता के साथ ही वर्तमान एसएलपी को खारिज करते हैं.”
हालांकि इस मामले में हाईकोर्ट का कहना है कि ये सभी मुकदमे एक ही तरह के हैं और इनमें एक ही तरह के सबूतों के भी आधार पर फैसला होना है. ऐसे में, समय बचाने के लिए इन मुकदमों की सुनवाई एक साथ होनी चाहिए.
Krishna Janmabhoomi Case: दिसंबर 2020 के बाद दर्ज हुए कई मामले
आपको बता दें कि हिंदूवादी ने हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन में कहा कि 25 सितंबर, 2020 को मथुरा के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के समक्ष मूल मुकदमा दायर किए जाने के बाद, 13.37 एकड़ भूमि के संबंध में कई अन्य मुकदमे दायर किए गए थे.
Krishna Janmabhoomi Case: सुप्रीम कोर्ट में पहले से दायर याचिका
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट पहले ही मस्जिद समिति द्वारा एक अन्य याचिका पर विचार कर रही है, जिसमें मथुरा अदालत के समक्ष लंबित विवाद से संबंधित सभी मामलों को खुद को स्थानांतरित करने के हाईकोर्ट के 26 मई, 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है. हिंदू पक्ष ने उच्च न्यायालय के सामने आग्रह किया था कि उसकी मूल सुनवाई उसी प्रकार चलानी चाहिए जैसे उसने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि स्वामित्व विवाद में की थी.
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