Bihar Crime News: सारण जिले के मशरक के पूर्व विधायक तारकेश्वर प्रसाद सिंह को हत्या एवं अपहरण मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा 20 हजार का अर्थदंड भी लगाया है. पूर्व विधायक तारकेश्वर प्रसाद सिंह पर 1996 में पानापुर के व्यवसायी की हत्या का आरोप था. 19 अप्रैला को ही छपरा के एमपी एमएलए कोर्ट ने तारकेश्वर को अपहरण के बाद हत्या मामले में दोषी करार दिया था. वहीं इसी मामले में दो आरोपी संजीव सिंह एवं पूर्व मुखिया देवनाथ राय को कोर्ट ने साक्षय के अभाव में बरी कर दिया. अब कोर्ट ने इस मामले में उन्हें दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है.
वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये सुनाई गयी सजा
सोमवार को जेल से ही वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये उनकी पेशी हुई. एमपी- एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश सुधीर कुमार सिन्हा ने पानापुर थाने में दर्ज प्राथमिकी के दोषी पूर्व विधायक पर भादवि की धारा 302, 364, 201 व 27 आर्म्स एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई. बता दें कि इससे पहले 19 अप्रैल को उन्हें दोषी ठहराया गया था. अपर लोक अभियोजक ध्रुवदेव सिंह ने अभियोजन की तरफ से डॉक्टर, अनुसंधानकर्ता सहित कुल छह गवाहों की गवाही न्यायालय में कराई. दोषी करार होने के बाद पूर्व विधायक को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया था.
जानें मामला
इस हत्याकांड के सूचक पानापुर के तुर्की ग्राम निवासी बाबूलाल गुप्ता ने 10 जनवरी 1996 को अपने भाई शत्रुघ्न प्रसाद को गोली मारने व घायल अवस्था में जबरन उठाकर ले जाने को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी. प्राथमिकी में बाबूलाल ने कहा था कि वह अपनी दुकान पर बैठे थे, तभी सात-आठ मोटरसाइकिल पर दो-दो लोग सवार होकर किराना दुकान पर पहुंचे. सभी के हाथ में राइफल और बंदूक थी.
बाइक से उतरते ही तारकेश्वर सिंह ने आदेश दिया कि गोली मारो, इतने में उनके निजी अंगरक्षक ने गोली चला दी. उनके भाई शत्रुघ्न प्रसाद गोली लगते ही जमीन पर गिर पड़े. बाद में मोटरसाइकिल सवार लोग उनके भाई को अगवा कर ले गए. काफी खोजबीन के बाद उनके भाई का शव दो दिन बाद मोतिहारी के डुमरिया पुल के नीचे नदी में मिला था.
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