Monkeypox detection kit: मंकीपॉक्स वायरस का प्रकोप तेजी से दुनियाभर में बढ़ रहा है, जिसे लेकर भारत की भी चिंता बढ़ी हुई है. वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को लेकर दुनिया भर में हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है. गनीमत ये है कि अभी तक भारत में इसका कोई संक्रमित नहीं मिला है.
हालांकि इसके बढ़ते हुए प्रकोप के मद्देनजर भारत में भी इससे निपटने की तैयारियां तेजी से की जा रही है. इसी बीच, स्वास्थ्य उपकरण बनाने वाली एक भारतीय कंपनी ने दावा किया है कि उसने मंकीपॉक्स का पता लगाने वाली एक रियल टाइम किट तैयार की है, जो इस वायरस से निपटने में बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. जो लोगों को उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह तैयार है
मंकीपॉक्स से लड़ने के लिए एक बड़ी उपलब्धि
दरअसल, भारत के सीमेंस हेल्थिनर्स ने मंकीपॉक्स से लड़ने के लिए अपना स्वदेशी आरटी-पीसीआर परीक्षण किट तैयार किया है, जिसपर केंद्रीय सुरक्षा औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने भी मोहर लगा दिया है. उन्होंने कहा है कि यह हमारी ‘मेक इन इंडिया’ पहल के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. आरटी-पीसीआर परीक्षण किट को वडोदरा की एक इकाई में तैयार किया जाएगा.
तुरंत और सटीक पहचान को प्राथमिकता दे रहे
वहीं, सीमेंस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हरिहरन सुब्रमण्यन ने कहा कि सही और सटीक निदान की आवश्यकता आज से अधिक महत्वपूर्ण हो गई है. भारत को एम-पॉक्स से निपटने के लिए विशेष रूप से तैयार की गई किट उपलब्ध कराकर हम इस बीमारी से लड़ने में सक्रिय रुख अपना रहे हैं और तुरंत सटीक पहचान को प्राथमिकता दे रहे है, जो लोगों के जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
उन्होंने बताया कि ये किट देखभाल तक पहुंच में सुधार लाने पर हमारे फोकस का प्रमाण हैं और ये किट उस लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं. सीमेंस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के की मानें तो परीक्षण के परिणाम 40 मिनट में उपलब्ध होंगे. हालांकि पहले इस टेस्ट के रिपोर्ट को आने में करीब एक से दो घंटे लगते थे.
इसे भी पढें:- Ghazipur: आरपीएफ जवानों की हत्या में शामिल बादमाशों से पुलिस की मुठभेंड़; एक के पैर में लगी गोली, 4 गिरफ्तार