Vande Bharat: बनारस से आगरा के लिए प्रस्तावित वंदे भारत में कुल आठ कोच है. वहीं, दोनों ओर से एक ही रेक का संचालन होगा. मतलब जो रेक आगरा कैंट से चलेगी, वही वाराणसी की ओर से वापस आएगी. यह वंदे भारत 2.0 का रेक होगा.
इस रेक में ऐसा कवच इंस्टाल किया गया है, जो यात्रा के समय विमान यात्रा जैसा अनुभव देगा. यह वंदे भारत एक्प्रेस 160 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने में मात्र 140 सेकंड का समय लेती है. इस ट्रेन का जनवरी 2025 से टूंडला से प्रयागराज के बीच 160 की गति से चलाया जा सकेगा.
एनसीआर को मिली आठ रेक वाली वंदे भारत
वहीं, रेलवे बोर्ड ने रेक आवंटन का पत्र भी जारी कर दिया है, जिसमें उत्तर मध्य रेलवे को आठ रेक वाली वंदे भारत दी गई है. इसके अलावा, दक्षिण पूर्व रेलवे दक्षिण पश्चिम रेलवे व पूर्व रेलवे को भी आठ-आठ कोच वाली वंदे भारत का एक-एक रेक आवंटित हुआ है. जबकि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे व मध्य रेलवे को 16 कोच वाली, पूर्व रेलवे एक 20 रेक वाली वंदे भारत मिली है. रेक आने के बाद इसका रूट ट्रायल और स्पीड ट्रायल शुरू हो जाएगा.
हवा की रोगाणु मुक्त आपूर्ति की व्यवस्था
आपको बता दें कि अभी तक प्रयागराज से गुजरने वाली तीनों वंदे भारत नीले रंग की हैं. लेकिन इस रेक की भगवा रंग के होने की संभावना है. वहीं, उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि बाबा विश्वनाथ की नगरी से ताज नगरी के बीच चलने वाली इस ट्रेन के रेक में हवा की रोगाणु मुक्त आपूर्ति के लिए यूवी लैंप के साथ उच्च दक्षता कंप्रेसर का उपयोग हुआ है, जिससे गर्मी वेटिलेशन और एयर कंडीशनिंग का अनुभव बेहद अलग होगा.
वायस रिकार्डिंग की भी होगी सुविधा
वहीं, इसके हर कोच में 32 यात्री सूचना और इंफोटेनमेंट सिस्टम है. कोच के बाहर रियर व्यू कैमरे सहित चार प्लेटफार्म साइड कैमरे भी लगाए गए हैं, इसके साथ ही वायस रिकार्डिंग सुविधा के साथ लोकोपायलट-गार्ड संचार की व्यवस्था भी है.
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