स्वामित्व योजना: पीएम मोदी ने बांटे 65 लाख संपत्ति कार्ड्स, जानिए क्‍या होगा इससे लाभ

Ownership scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक कार्यक्रम के तहत देश के करीब 230 से अधिक जिलों के लगभग 50,000 गांवों में संपत्ति मालिकों को स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किए. इस स्वामित्व योजना से 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के लाखों लोगों को फायदा होगा. इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल, मप्र, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, यूपी और जम्मू- कश्मीर एवं लद्दाख के संपत्ति मालिकों को संपत्ति कार्ड जारी किए गए.

21वीं सदी में लोगों के लिए ये एक बड़ी चुनौती

इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन देश के गांवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ऐतिहासिक है. यह एक बड़ी समस्या थी, लेकिन राज्य सरकारों, अधिकारियों और ग्राम पंचायत के हजारों सहयोगियों की कोशिशों से लाखों लाभार्थियों को स्वामित्व योजना का लाभ मिला. 21वीं सदी में दुनिया के सामने कई चुनौतियां हैं, जिनमें जलवायु परिवर्तन, पानी की कमी, स्वास्थ्य समस्याएं और आपदाएं प्रमुख हैं, मगर दुनिया एक और बड़ी चुनौती से जुझ रही है और वो है संपत्ति का अधिकार.

लोगों को संपत्ति का अधिकार देना बेहद जरूरी

उन्‍होंने कहा कि कई वर्ष पहले संयुक्त राष्ट्र ने कई देशों में संपत्ति के अधिकारों का अध्ययन किया था, जिससे पता चला कि दुनिया के कई देशों में लोगों के पास उनकी संपत्ति के कानूनी दस्तावेज ही नहीं हैं. इस दौरान सयुक्‍त राष्‍ट्र ने कहा था कि यदि गरीबी को कम करना है तो लोगों को संपत्ति का अधिकार देना बेहद जरूरी है. भारत भी इस चुनौती से अछूता नहीं है और हमारी स्थिति भी अन्य देशों जैसी ही है.

पीएम मोदी ने कहा कि गांवों में लोगों के पास लाखों-करोड़ों रुपये की संपत्ति है, लेकिन उनके पास इसके कानूनी दस्तावेज नहीं हैं. ऐसे में मालिकाना हक को लेकर विवाद होते हैं. वहीं, कई जगहों पर तो ताकतवर लोग गरीबों की जमीनों पर कब्जा कर लेते हैं. 

क्या है स्वामित्व योजना?

बता दें कि स्वामित्व योजना ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति को बढ़ाने की दृष्टि से 24 अप्रैल, 2020 को (राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर) प्रधानमंत्री की ओर से शुरू की गई थी. इस योना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन के रिकॉर्ड को डिजिटल तरीके से तैयार किया जाता है, जिससे भूमि विवादों को कम किया जा सके. जानकारी के मुताबिक, इस योजना के तहत 3.17 लाख से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, जो लक्ष्य का 92 फीसदी है. वहीं, 1.53 लाख गांवों के लिए करीब 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं.

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