मॉनसून से कई राज्यों में तबाही, हज़ारों लोग राहत शिविर में शरण लेने को मजबूर

Delhi: मॉनसून की तेज रफ्तार ने उत्तर भारत के कई राज्यों में तबाही मचा दी है. जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड से लेकर दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब तक भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. हिमाचल प्रदेश में सैकड़ों सड़के और पुल बह गए, कई घर मलबे में दब गए. उत्तराखंड में बादल फटने की घटनाएं हुईं, जिससे कई गांव तबाह हो गए. पंजाब में सतलुज और ब्यास जैसी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे खेत और गांव जलमग्न हो गए. गुजरात और महाराष्ट्र में भी बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है, जहां हज़ारों लोग में शरण लेने को मजबूर हैं.

हथनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी

सोमवार सुबह ताजेवाला बैराज से 3,29,313 क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा गया है. यह पानी मंगलवार तक दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में पहुंचकर नदी के जलस्तर को खतरनाक स्थिति तक ले जा सकता है. ऐसे में नदी किनारे बसे गांव और डूब क्षेत्र में रह रहे लोगों को अपने परिवार और पशुओं समेत तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि संभावित बाढ़ के दौरान किसी को परेशानी का सामना न करना पड़े.

पंजाब में 3 सितंबर तक स्कूल बंद

पंजाब सरकार ने सोमवार को राज्य भर में लगातार बारिश के मद्देनजर सभी कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और पॉलिटेक्निक संस्थानों को 3 सितंबर तक बंद करने की घोषणा की. बाढ़ से सबसे ज़्यादा प्रभावित गाँव पठानकोट, गुरदासपुर, फाज़िल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, और अमृतसर ज़िलों में हैं. एनडीआरएफ, सेना, बीएसएफ, पंजाब पुलिस और ज़िला अधिकारियों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत और बचाव अभियान जारी है.

उत्तराखंड और हिमाचल में यात्रा रोक, मथुरा में बाढ़ जैसे हालात

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और लगातार बारिश के चलते चार धाम यात्रा और हेमकुंड साहिब यात्रा को 5 सितंबर तक स्थगित कर दिया गया है. वहीं, उत्तर प्रदेश के मथुरा में यमुना नदी उफान पर है. घाट, मंदिर, दुकानें और कॉलोनियां जलमग्न हो चुकी हैं. प्रशासन ने बोट के जरिए निगरानी बढ़ा दी है और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है.

राजस्थान में भी मध्यम से भारी बारिश के आसार

राजस्थान में भी बारिश का कहर जारी है. विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अगले पांच से छह दिनों तक पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में मॉनसून सक्रिय रहेगा और अधिकांश क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश और कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है. अधिकारी ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान, विशेषकर और बीकानेर संभाग में भी अगले दो से तीन दिनों में कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश हो सकती है.

छत्तीसगढ़ और हरियाणा में भी हालात खराब

छत्तीसगढ़ के सुकमा में शबरी नदी की तेज धार में फंसे एक व्यक्ति को वायुसेना और SDRF ने हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर बचाया. हरियाणा के कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है. शाहाबाद के कठवा गांव में सड़कें और खेत जलमग्न हैं, और आवागमन के लिए केवल ट्रैक्टर और ट्रॉली का सहारा है. प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है. उत्तर भारत में मॉनसून की मार ने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है. प्रशासन, NDRF और सेना राहत और बचाव कार्यों में जुटी है, लेकिन बढ़ते जलस्तर और लगातार बारिश ने चुनौतियां बढ़ा दी हैं. लोगों से सतर्क रहने और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की जा रही है.

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