15वें उपराष्ट्रपति बने सीपी राधाकृष्णन, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

Vice President: नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने 15वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली. राष्ट्रपति भवन में हुए समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई. शपथग्रहण समारोह में ओडिशा, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए. इस दौरान पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद रहे.

सूत्रों के अनुसार, शपथ ग्रहण के तुरंत बाद उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन राज्यसभा के सभी नेताओं के साथ दोपहर 12:30 बजे बैठक करेंगे. इसकी घोषणा गुरुवार देर शाम की गई थी.

452 वोटों से मिली जीत

सीपी राधाकृष्‍णन को कुल 452 वोट मिले। इस ल‍िहाज से देखा जाए तो उन्‍हें इंडिया अलायंस के उम्‍मीदवार से कहीं ज्‍यादा वोट मिले हें। विपक्ष के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले हैं। कांग्रेस का दावा कि उपराष्ट्रपति चुनाव में इंडिया गठबंधन के सभी 315 सांसदों ने मतदान किया है। हालांकि, कल ऑफ कैमरा जयराम रमेश ने 324 सांसदों के समर्थन का दावा किया था। उपराष्ट्रपति का चुनाव जीतते ही राधाकृष्णन सुर्खियों में छा गए हैं। 

17 साल की उम्र में RSS से जुड़े

सीपी राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले में हुआ। 17 साल की उम्र से ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हुए हैं। बीजेपी के साथ उनका लंबा सफर रहा है। उनका राजनीतिक सफर 1998 में शुरू हुआ, जब वे कोयंबटूर से लोकसभा के लिए चुने गए। 

दो बार लगातार रहे सांसद

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान वे 1998 और 1999 के आम चुनावों में लगातार दो बार सांसद बने। 1998 की जीत खास थी, क्योंकि यह कोयंबटूर बम विस्फोटों के बाद हुई थी और भाजपा को तमिलनाडु में पहली बार तीन सीटें मिलीं। 2004-2007 तक वे तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।

बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य भी रहे

2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में वे कोयंबटूर से बीजेपी के उम्मीदवार थे, जहां 2014 में उन्होंने 3.89 लाख से अधिक वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे। 2016-2020 तक वे केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत कोयर बोर्ड के चेयरमैन रहे। बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य के रूप में भी सक्रिय रहे। 

झारखंड और महाराष्ट्र के रहे राज्यपाल

साल 2023 में केंद्र सरकारी की ओर से उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया, जहां उन्होंने आदिवासी समुदायों के सशक्तिकरण पर जोर दिया। फरवरी 2024 में वे महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल बने, जहां उन्होंने राज्य सरकार के साथ सहयोगपूर्ण रवैया अपनाया। विपक्षी दलों के साथ भी उनके संबंध अच्छे माने जाते हैं।

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