Uttarakhand: उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण हुई भीषण आपदा के बीच राहत और बचाव कार्य दूसरे दिन भी जोरों पर हैं. इस आपदा में एक चमत्कारिक घटना सामने आई, जहां 16 घंटे तक मलबे में दबे रहने के बाद एक व्यक्ति को जिंदा निकाला गया. इसके अलावा, बीती रात भारी बारिश और मलबे की चपेट में आए एक घर से स्थानीय लोगों की मदद से एक महिला को भी सुरक्षित निकाला गया.
लगातार काम कर रही प्रशासन और राहत-बचाव की टीम
पुलिस, प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें कुंतरी और धूर्मा गांव जैसे आपदा प्रभावित क्षेत्रों में मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. बचाए गए लोगों को तुरंत प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया और उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
चमोली पुलिस ने बताए हालात
चमोली पुलिस ने शुक्रवार की सुबह ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए वहां के हालातों की जानकारी साझा करते हुए कहा कि “कुंतरी और धूर्मा गांव आपदा प्रभावित क्षेत्र में मलबे में दबे व्यक्तियों को निकालने के लिए दूसरे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. पुलिस, प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं.”
क्या है मौसम का हाल?
इसके अलावा, चमोली पुलिस ने जिले के मौसम और यात्रा मार्गों की स्थिति के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि “जनपद चमोली के यात्रा संबंधी सभी मार्ग खुले हैं. हालांकि यहां अभी भी बादल छाए हुए हैं. मार्ग की स्थिति और मौसम का पूर्वानुमान देखकर ही अपनी यात्रा शुरू करें. आपकी सुरक्षित और सफल यात्रा के लिए चमोली पुलिस सदैव तत्पर है.”
नंदानगर आपदा के बाद जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं. गुरुवार को मार्ग अवरुद्ध होने के बावजूद जिलाधिकारी संदीप तिवारी और पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार पैदल मार्ग पार कर घटनास्थल पर पहुंचे और राहत कार्यों का जायजा लिया.
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