Health tips: आज के समय में दिल की बीमारियाँ सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रहीं. अब युवा भी हार्ट डिजीज के बढ़ते खतरे का सामना कर रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है धमनियों में प्लाक (Plaque) का जमाव, जिसे आम भाषा में ब्लॉकेज कहा जाता है. गोरखपुर में स्थित रीजेंसी हॉस्पिटल में कंसल्टेंट – कार्डियोलॉजी डॉ. प्रियंका सिंह कहती हैं कि धमनियों में प्लाक बनने की प्रक्रिया अचानक नहीं होती. यह सालों-साल की गलत जीवनशैली का परिणाम होती है. चलिए जानते हैं इसे साफ़ करने का तरीका?
धमनियों में प्लाक क्या है?
हमारे शरीर की धमनियाँ दिल तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों से भरपूर खून पहुंचाने का काम करती हैं. प्लाक एक चिपचिपा पदार्थ है जो वसा, कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम और रक्त में पाए जाने वाले अन्य पदार्थों से बना होता है. समय के साथ, यह आपकी धमनियों की दीवारों के अंदर जमा होकर उन्हें संकरा और कठोर बना सकता है. इससे रक्त प्रवाह कम हो जाता है और गंभीर जटिलताएँ पैदा हो सकती हैं.
और लंबे समय में दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है. धमनियों में प्लाक जमने के मुख्य कारण उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, धूम्रपान, मोटापा, व्यायाम की कमी और अस्वास्थ्यकर आहार हैं. लगातार जंक फूड, तली-भुनी चीज़ें, रेड मीट, ट्रांस फैट और शुगर से भरपूर डाइट लेना शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है.
धमनियों में प्लाक जमने पर दिखते हैं ये लक्षण
- छाती में दर्द
- सांस लेने में कठिनाई
- दिल की धड़कन
- चक्कर आना या बेहोशी
- दिल का दौरा
प्लाक को जमने से कैसे रोकें?
हृदय की सेहत हमारे रोजमर्रा के छोटे-छोटे चुनावों पर निर्भर करती है क्या हम क्या खाते हैं, कितनी देर सोते हैं, और कितना तनाव लेते हैं, यही तय करता है कि हमारी धमनियाँ कितनी स्वस्थ रहेंगी.
- धमनियों में प्लाक बनने की प्रक्रिया को समय रहते रोका जा सकता है. इसके लिए सबसे पहले अपनी डाइट और दिनचर्या पर ध्यान देना जरूरी है.
- रोजाना कम से कम 30–40 मिनट तेज चलना, साइक्लिंग या योग करना हृदय को मजबूत बनाता है और रक्त प्रवाह को सामान्य रखता है.
- आहार में अधिक से अधिक फाइबर युक्त चीजें शामिल करें जैसे जई, साबुत अनाज, दालें, फल और हरी पत्तेदार सब्जियाँ.
- घी और मक्खन की जगह दिल के लिए फायदेमंद तेल जैसे ऑलिव ऑयल या सरसों का तेल इस्तेमाल करें.
- धूम्रपान और शराब को पूरी तरह छोड़ना चाहिए क्योंकि ये धमनियों की दीवारों को नुकसान पहुंचाते हैं और प्लाक बनने की गति को तेज करते हैं.
- समय-समय पर लिपिड प्रोफाइल जैसी जांच करवाना भी आवश्यक है ताकि कोलेस्ट्रॉल के स्तर का सही आकलन हो सके.
डॉक्टर से कब मिलें?
यदि आपको उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप, या हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास जैसे जोखिम कारक हैं, तो निवारक देखभाल के लिए डॉक्टर से परामर्श लें. यदि आपको निम्न लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें:
- सीने में तेज दर्द
- अचानक सांस फूलना
- शरीर के एक तरफ कमजोरी या सुन्नता (स्ट्रोक के लक्षण)
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