Chhath Puja 2025: आज से आस्था का महापर्व छठ आरंभ, जानें नहाय-खाय के नियम, विधि और महत्व

Chhath Puja 2025: भगवान सूर्य की आराधना के महापर्व छठ आज यानी शनिवार से शुरू हो गया है. चार दिनों तक चलने वाला यह पावन पर्व पूरे उत्साह और आस्था के साथ मनाया जा रहा है. आज छठ व्रत का पहला दिन यानी नहाय-खाय का दिन है. इस दिन व्रती महिलाएं सूर्योदय के बाद ही सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं और उसके बाद प्रसाद ग्रहण करती हैं. वहीं, रविवार को खरना पूजन के साथ 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होगा.

नहाय-खाय का शुभ मुहूर्त

शनिवार को नहाय-खाय के दिन का शुभ मुहूर्त सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक है.  वहीं, गुलिक काल सुबह 6:28 बजे से 7:52 बजे तक रहेगा. इसके अलावा बात करें इस दिन राहुकाल की तो वो सुबह 9:16 बजे से 10:40 बजे तक और यमघंटकाल दोपहर 1:29 बजे से 2:53 बजे तक होगा. बता दें कि राहुकाल और यमघंटकाल के समय नहाय-खाय का प्रसाद न ही बनाना चाहिए और न ही खाना चाहिए.

नहाए खाए में सूर्य को जल चढ़ाने की विधि
  • नहाए-खाए के दिन सुबह उठकर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पूजा करें.
  • तांबे के लोटे में जल डालें और उसमें फूल, अक्षत और गुड़ मिलाएं.
  • जल अर्पित करते समय ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें.
  • सूर्य भगवान को प्रणाम करें.
  • व्रत का संकल्प लें.
छठ महापर्व की पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, छठी मैया भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री और सूर्यदेव की बहन मानी जाती हैं, जिन्‍हें षष्ठी देवी के नाम से भी जाना जाता है. छठी मैया विशेष रूप से संतान सुख, परिवार में खुशहाली और समृद्धि प्रदान करने वाली देवी हैं. उनकी पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और व्रती अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद का अनुभव करते हैं. छठ महापर्व में श्रद्धालु उनकी आराधना करते हैं और विशेष तौर पर सूर्य देव को अर्घ्य देकर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना करते हैं. छठ मैया की भक्ति में समर्पण, पवित्रता और अनुशासन का विशेष महत्व है.

नहाए-खाए के दिन करें ये काम
  • नहाए-खाए के दिन गरीब और जरूरतमंदों को दान दें.
  • जरूरतमंदों को भोजन कराना मां छठी का आशीर्वाद प्राप्त करने का उपाय है.
  • गाय को रोटी या भोजन खिलाना पुण्य का कार्य माना जाता है.
  • ये कार्य व्रती के लिए सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद लाते हैं.

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