Nirjala Ekadashi 2024: निर्जला एकादशी पर करें इन मंत्रों का जाप, नष्ट होंगे जन्म जन्मांतर के पाप

Nirjala Ekadashi 2024: सनातन धर्म में एकादशी का बेहद ही खास महत्‍व होता है. ये दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है. इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इसके साथ ही उनके नाम से एकादशी का व्रत रखा जाता है. ऐसे में ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस एकादशी का व्रत करने से साधक के पुण्य-प्रताप से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं. साथ ही जन्म जन्मांतर में किए गए सारे पाप नष्ट हो जाते हैं.

Nirjala Ekadashi 2024: किस दिन है निर्जला एकादशी

आपको बता दें कि इस साल निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून को किया जाएगा. ऐसे में यदि आप भी जगत के पालनहार भगवान विष्णु की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो एकादशी तिथि पर विधि पूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करें. साथ ही पूजा के समय इन मंत्रों का जप अवश्य करें. इससे आपके सारे कष्‍ट दूर हो जाएंगे. तो चलिए जानते है भगवान विष्णु के उन मंत्रों को…

Nirjala Ekadashi 2024: भगवान विष्णु के मंत्र 

1. ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥

2. ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥

3. ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।

यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

4. शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्

विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।

5. लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्

वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥

6. मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।

मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

7. दन्ताभये चक्र दरो दधानं,

कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।

धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया

लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।

8. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर, भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्, आ नो भजस्व राधसि।

9. कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।

प्रणत क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः।

10. ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:

अमृतकलश हस्ताय सर्वभय विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥

ॐ नमो भगवते धन्वन्तरये अमृत कलश हस्ताय सर्व आमय

विनाशनाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णवे नमः ||

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