Deepotsav 2025: रामनगरी अयोध्या इस वर्ष एक बार फिर विश्व मंच पर अपनी आस्था, संस्कृति और गौरव का प्रकाश फैलाने जा रही है. योगी सरकार के नेतृत्व में इस बार नौवां दीपोत्सव 2025 अब तक का सबसे भव्य और ऐतिहासिक आयोजन बनने जा रहा है. दीपोत्सव का तीन दिवसीय कार्यक्रम 17 अक्टूबर से शुरू होगा.
सरयू तट के 56 घाटों पर लगभग 26 लाख दीपों के प्रज्वलन के लिए 30 लाख दिए बिछाए जाएंगे, जो एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित करेगा. इस वर्ष आयोजन की विशेषता यह है कि पहली बार लक्ष्मण किला घाट को दीपोत्सव में शामिल किया गया है.
56 घाटों पर जलेंगे दीपक
अयोध्या के दीपोत्सव को अयोध्यावासी धूमधाम से मनाने में अभी से जुट गए हैं. अयोध्या तीर्थ विकास परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी जयेंद्र कुमार ने बताया कि दीपोत्सव के लिए अयोध्या तीर्थ विकास परिषद 28 लाख दीपकों की आपूर्ति का निविदा जारी किया था. यह दीपक अयोध्या धाम में राम की पैड़ी के 56 घाटों पर जलाए जाएंगे. इसके अतिरिक्त अयोध्या के संत महंत धर्माचार्य और गृहस्थ अपनी योजना से अपने- अपने मठ मंदिर धर्मस्थल प्रतिष्ठान पर दीप जलाएंगे. अयोध्या जनपद के प्रमुख धर्म स्थलों और सार्वजनिक स्थलों पर स्थानीय जन मानस दीप जलाकर दीपोत्सव मनाएगा.
रंगोली से सजेंगे घाट
स्थानीय जनप्रतिनिधि भी अपने- अपने स्तर इस दीपोत्सव को भव्य तथा दिव्य स्वरूप देने में लगे हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अयोध्या महानगर की टीम अयोध्या धाम और अयोध्या के प्रमुख स्थानों पर रंगोली सजाकर दीप प्रज्ज्वलित करती है. इसके लिए भाजपा के कार्यकर्ताओं को जिम्मेवारी सौंपी जाती है.
अयोध्या में जलेंगे 30 लाख दीपक
दीपोत्सव के अवसर पर रामपैडी सहित जनपद के सभी मंदिरों, सार्वजनिक स्थलों और धर्म स्थलों पर जलने वाले दीपों की संख्या को जोड़ा जाएगा तो यह आंकड़ा 30 लाख दीपकों से ज्यादा का निकलता है. अयोध्या महानगर के महामंत्री शैलेंद्र कोरी ने बताया कि संगठन किस स्थान पर कितना दीपक जलाएगा यह तय हो गया है. अब तो दीपोत्सव के आयोजन का इंतजार है.
दीप प्रज्जवलित करेंगे सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं दीप प्रज्ज्वलित कर इस भव्य कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे और ‘जय श्रीराम’ के उद्घोष से पूरा वातावरण भक्तिमय बन जाएगा. बीते वर्षों में अयोध्या का दीपोत्सव गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है. इस बार लक्ष्य है उस रिकॉर्ड को और आगे बढ़ाना 28 लाख दीपों का नया विश्व कीर्तिमान स्थापित करने का.
इसके लिए सरकार, प्रशासन और स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं की टीमें युद्धस्तर पर तैयारियों में जुटी हैं. दीपों की सजावट, सुरक्षा व्यवस्था, सांस्कृतिक मंचन, और पर्यटकों के स्वागत की रूपरेखा बारीकी से तैयार की जा रही है.
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