सन्त महात्मा की खोज करके जीवात्‍मा का करें कल्‍याण: पंकज जी महाराज

Pankaj Ji Maharaj: ‘‘आपस में सब प्रेम बढ़ओ. खिलकत को खुशहाल बनाओ.. नशा त्याग शाकाहार अपनाओ. मां बहनों की लाज बचाओ..’’ आदि नारों और संदेशों को देते हुए जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष संत पंकज जी महाराज अपने जनजागरण यात्रा के साथ कल सायंकाल 26वें पड़ाव विकास खण्ड भांवरकोल के गांव अवथही में पड़ाव किया. आज यहां आयोजित सत्संग सभा में कहा कि परम पिता ने अति दया करके आपको यह मनुष्‍य शरीर दे दिया और आपको स्वतंत्र कर दिया और देते समय कहा कि तुम मेरे द्वारा दिये गये किराये के मकान में रह कर अपनी आत्मा का कल्याण करा लेना. समय पूरा होने पर मैं अपने सिपाहियों को भेजूंगा तुम मेरा मकान खाली कर देना. उस समय न जमीन जायदाद काम आयेगी न जाति बिरादरी काम आयेगी. सब कुछ आपका यहीं छूट गया और इस जीवात्मा को ले जाकर ऊपर धर्मराज की कचहरी में पेश कर दिया गया.

पलक झपकते ही तुम्हारे अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब हो जायेगा. धर्मराज तुमको सजा सुना देंगे कि ले जाओ इनको फला नर्क में डाल दो क्योंकि मैने इनको मौका दिया था कि अबकी बार किसी सन्त महात्मा की खोज करके उनके द्वारा बताये रास्ते पर चल करके अपनी जीवात्मा का कल्याण करा लेना. लेकिन इन्होंने अपनी आत्मा का कल्याण नहीं किया. इन्होंने मनुष्‍य शरीर प्राप्त करके न तो भजन किया न भक्ति किया और हमारे दिये गये शरीर को अपने कर्मों से गन्दा कर दिया. इसलिये इनको अपने कर्मों की सजा अवश्‍य मिलेगी. बहुत से लोग यह विचार कर सकते हैं कि जब यह शरीर यहीं छूट गया तो सजा किसे मिलेगी, लेकिन उन्हें यह ज्ञान नहीं है कि इस भौतिक शरीर के बाद सत्रह तत्वों की लिंग शरीर जो इस शरीर से मिलती है, उसी में जीवों को कर्म भुगतान कराये जाते हैं. खोटे बुरे कर्म करने वाले जीवों को मिल रही सजाओं का सहजो बाई ने इस प्रकार वर्णन किया है ‘‘लौह के खम्भ तपत के माहीं, जहां जीव को ले चिपटाहीं. बड़े-बड़े लोहे जैसे तपते खम्भों में जीव चिपटाये जाते हैं, जिनके रोने चिल्लाने की आवाजें लाखों मील तक जाती हैं, कोई बचाने वाला नहीं है. सन्त महात्मा साधना करके उपर जाते हैं, वे इन दृष्यों को देखकर द्रवित हो जाते हैं और जीवों को बचाने का उपदेश देते हैं.

      उन्होंने कहा समाज में बढ़ती हिंसा और अपराध की प्रवृत्ति अशुद्ध खान-पान के कारण है. इसके लिये जरूरी है कि सभी लोग शाकाहारी बनें और शराब व अन्य नशीले पदार्थों का त्याग करें. थोड़ा सा समय भगवान के भजन के लिये भी निकालें. ऊपरी मण्डलों से आ रही आकाशवाणी, अनहदवाणी को आत्मा के कान से सुनने को भजन कहते हैं. महाराज जी ने कहा माताओं ये बच्चे आपकी धरोहर है, इनको शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कार देने की जरूरत है. यह समय बदलने की आवाज है, इसके साथ जुड़ जायेंगे तो बच जायेगें. महराज जी ने सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया तथा सभी के सुखद जीवन की मंगल कामना किया. शान्ती व्यवस्था में पुलिस प्रशासन का सहयोग रहा.

      इस अवसर पर जंगबहादुर सिंह यादव, प्रभाचन्द मास्टर, मनबोध यादव, मनोज यादव, अंगद पाल, सहयोगी संगत बलिया के डा. दयाशंकर, निर्भय नारायण यादव, श्‍यामा सिंह, विराज यादव, अनिल वर्मा, धनन्जय शर्मा, बेचन कनौजिया, वकील पासवान, रामदया राजभर आदि मौजूद रहे. कार्यक्रम के बाद जनजागरण यात्रा अगले पड़ाव पिहुली खेल मैदान ब्लाक भांवरकोल के लिये प्रस्थान कर गई. यहां कल (आज) दोप. 12 बजे से सत्संग समारोह आयोजित है.

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