लखनऊ। नगर निगम पुरानी बिल्डिंग तोड़ने से निकले मलबे को अब खुद इकट्ठा करेगा। इसके लिए शहर में आठ जगहों पर कलेक्शन सेंटर बनाए जाएंगे। यहां से निजी एजेंसी इस मलबे को उठाकर ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जाएगी। यहां इसे निस्तारित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर करीब 1.80 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। अगले छह महीने में प्लांट को शुरू करने की योजना है। नगर आयुक्त अजय द्विवेदी के आदेश पर अब नगर निगम ने निजी एजेंसी के चुनाव और ट्रीटमेंट प्लांट को बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्लांट के साथ ही यह भी तय किया गया है कि नगर निगम के हर जोन में एक कलेक्शन सेंटर हो। यहां पूरे जोन से मलबा लाकर पहले इकट्ठा कि या जाए। इसके बाद ट्रीटमेंट प्लांट पर इससे उपयोगी उत्पाद बनाने का काम हो। निजी एजेंसी इन कलेक्शन सेंटर के लिए सही जगह का चुनाव भी नगर निगम की मदद से करेगी। मलबे को निस्तारित करने के लिए बन रहे ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता करीब 100 टन प्रतिदिन की होगी। पूरे मलबे का करीब 90 प्रतिशत तक रिसाइकिल कर उपयोग में वापस ले लिया जाएगा। वहीं 10 प्रतिशत मलबे को डंप साइट तक ले जाया जाएगा, जो एजेंसी नगर निगम चुनेगा। इसके लिए तीन साल तक प्लांट का संचालन और रखरखाव करना होगा। इसके बाद नगर निगम को वापस इसे हैंडओवर कर दिया जाएगा।