लखनऊ। महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम के लिए डीजीपी मुकुल गोयल ने एक नई पहल की है। मिशन शक्ति अभियान के तीसरे चरण के तहत प्रदेश के हर थाना क्षेत्रों में महिला पुलिस कर्मियों की उपलब्धता के अनुरूप तीन से चार महिला बीट बनाने का निर्णय लिया गया है। डीजीपी ने बताया कि महिला निरीक्षक, उप निरीक्षक, मुख्य आरक्षी एवं आरक्षी को मिलाकर महिला बीट बनाई जाएगी। इन महिला पुलिस कर्मियों को महिला बीट पुलिस अधिकारी का नाम दिया जाएगा। महिला बीट पुलिस अधिकारी अपने बीट में महिलाओं से संवाद करेंगी और किसी भी हिंसा के मामले में या अपराध होने की स्थिति में तत्काल थाने को सूचना देंगी। इस मामले में छोटी-छोटी शिकायतों का भी पुलिस द्वारा संज्ञान लेते हुए समय से कार्रवाई करने के निर्देश जिला और पुलिस कमिश्नरेट में तैनात अधिकारियों को दिए गए हैं। डीजीपी ने बताया कि महिला बीट पुलिस अधिकारी सप्ताह में दो से तीन दिन गांव-गांव जाकर ग्राम पंचायत भवन या ग्राम सचिवालय के मिशन शक्ति कक्ष में दिन में 11 बजे से 3 बजे तक महिलाओं की समस्याएं सुनेंगी। महिलाओं के लिए पुलिस द्वारा किए जा रहे कामों के प्रति जागरूक करेंगी। महिला बीट के बीट बुक का निरीक्षण हर महीने क्षेत्राधिकारी करेंगे। महिला बीट पुलिस अधिकारियों का पर्यवेक्षण अपने-अपने सर्किल में क्षेत्राधिकारी करेंगे। डीजीपी ने बताया कि महिला बीट में शामिल महिला पुलिस कर्मियों को पुलिस अधीक्षक या अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिस लाइन में प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य सुदूर ग्रामीण अंचलों में मिशन शक्ति अभियान के तहत आम जन की सुविधा के लिए कम्यूनिटी पुलिसिंग को और मजबूती देना है।