लखनऊ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि देश कोरोना की चुनौती से जूझ रहा है। ऐसे में हर व्यक्ति को हर स्तर पर सावधानी बरतनी होगी। योगा और परंपरागत चिकित्सा पद्धति से अपनी इम्युनिटी बढाएं। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ खुद टीकाकरण कराएं और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें। वह शुक्रवार को एसजीपीजीआई के दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि चिकित्सकों, चिकित्साकर्मियों सहित सभी की संयुक्त भागीदारी से पहली और दूसरी लहर को काबू करने में कामयाब रहे हैं। अब संभावित तीसरी लहर से निपटने को भी तैयार रहना होगा। आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों और योगा ने इम्युनिटी बढ़ाने में मदद की है। ऐसे में हम सभी को परंपरागत साधन अपनाते हुए अपनी इम्यूनिटी को बनाए रखना होगा। देश में करीब 61 करोड़ और उत्तर प्रदेश में छह करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण हुआ है। इसे निरंतर बढाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टेलीमेडिसिन एक नई तकनीक के रूप में सामने आई है इसे अपनाया जाए। नए.नए रिसर्च के जरिए हमें अपनी चिकित्सा व्यवस्था को निरंतर आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने एसजीपीजी आई के संकाय सदस्यों और डिग्री पाने वाले छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि मेडिकल साइंस में भारत का डंका पूरी दुनिया मेंबजता है। इस गौरव को याद रखते हुए मानवता की सेवा में तत्पर रहना होगा। जब तक यहां अर्जित किए गए ज्ञान का लाभ सोसायटी को नहीं मिलेगा तब तक इसकी सार्थकता नहीं होगी। इसलिए डिग्री हासिल कर मानवता की सेवा का व्रत लें। सबको स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए काम करना होगा। बिना किसी भेदभाव के मरीजों की सेवा करें।