Silkyara Tunnel Collapse: उत्तराखंड के उत्तकाशी के सिलक्यारा टनल (Silkyara Tunnel Collapse) में 17 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों का 28 नवंबर को रेस्क्यू कर लिया गया. प्राथमिक चिकित्सकीय देखरेख के बाद सभी मजदूर अपने अपने घरों के लिए रवाना हो गए. यूपी के मजदूरों का एक ऐसा ही ग्रुप शुक्रवार को लखनऊ पहुंचा. यूपी के अलग-अलग जिलों के 8 मजदूर यहां पहुंचे. इन सभी को डालीबाग स्थित अतिथि गृह में ठहराया गया है.
Silkyara Tunnel Collapse: मजदूरों ने मुख्यमंत्री योगी से की मुलाकात
सभी मजदूरों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. मुलाकात करने के बाद इन्हें यूपी के अलग-अलग जिलों में स्थित इनके घरों में भेजने का प्रबंध किया गया है. लखनऊ पहुंचे मजदूरों ने कहा कि यह हमारे लिए एक नई जिंदगी है. भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार की मदद से आज हम लोग को सुरक्षित बाहर निकल पाएं. उन्होंने कहा कि हमने हिम्मत कभी नहीं हारी. सभी लोग एक दूसरे का हौंसला बढ़ाते रहे. हमें यकीन था कि हम बाहर जरूर निकलेंगे.
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Silkyara Tunnel Collapse: दिवाली वाले दिन हुआ था हादसा
उत्तरकाशी सुरंग हादसा (Uttarakashi Tunnel Collapse) 12 नवंबर को (दिवाली के दिन) सुबह में हुआ था. उस दिन दिवाली के कारण सुरंग का काम सुबह 8 बजे बंद होने वाला था. श्रमिक त्योहार मनाने के लिए बाहर निकलने वाले थे, लेकिन सुबह करीब 4 बजे निर्माणाधीन सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग का एक हिस्सा जमींदोज हो गया. मलबा गिरने से 41 मजदूर अंदर ही फंस गए. भारतीय सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ जैसी तमाम एजेंसियों ने मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसके बाद सभी मजदूर पहाड़ का सीना ‘चीरकर’ मंगलवार यानी 28 नवंबर को सुरंग से बाहर आए.
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