Varanasi: श्रावण मास के तीसरे सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा विश्वनाथ के अर्धनारीश्वर स्वरूप का श्रृंगार किया गया. महादेव के भक्त बाबा के शिव-शक्ति स्वरूप का दर्शन पाएंगे. काशी पुराधिपति का श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को अलग-अलग स्वरूप का श्रृंगार किया गया. बाबा हर सोमवार को अलग-अलग स्वरूपों में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं. श्री विश्वेश्वर के दरबार में हाज़िरी देने के लिए श्रद्धालुओं की आस्था की अटूट कतार रात्रि से ही दिखने लगती है. नियमित दर्शन करने वाले नियमित कार्ड धारक सुबह और शाम एक-एक घंटे काशी द्वार काशीपुराधिपति के चौखट तक आसानी से पहुँचे.
बोल-बम के उद्घोष से गुंजायमान काशी
ऐसी मान्यता है कि काशी का कंकर-कंकर शंकर है. ऐसे ही भगवान शंकर की नगरी काशी में उनकी महिमा दिखाई देती है. अब यदि महादेव के प्रिय माह श्रावण का समय हो तो काशी की छटा निराली दिखने लगती है. कावड़ियों के केशरिया रंग से रंगी काशी बोल-बम के उद्घोष से गुंजायमान है. काशी मे बाबा के भक्तों का जनसैलाब उमड़ रहा है. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि श्रावण मास के तीसरे सोमवार को श्री विशेश्वर के अर्धनारीश्वर स्वरुप का श्रृंगार हुआ. मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि इस सोमवार को काशी द्वार से नियमित दर्शन करने वाले नेमी कार्ड धारक सुबह 4 से 5 और शाम को 4 से 5 दर्शन कर पाएंगे.
अर्धनारीश्वर स्वरूप में प्रकट होंगे महादेव
बता दें कि श्रावण माह के प्रथम सोमवार को बाबा विश्वनाथ के चल प्रतिमा के स्वरूप का श्रृंगार हुआ था. भक्त बाबा के चल प्रतिमा स्वरूप का दर्शन पाए थे. शिव भक्त सावन के दूसरे सोमवार को अपने बाबा के विशेष स्वरूप गौरी शंकर (शंकर पार्वती ) का दर्शन कर आशीर्वाद लिए थे. वहीं, आज सावन के तीसरे सोमवार को बाबा अर्धनारीश्वर स्वरूप में प्रकट होकर भक्तों को दर्शन दिए.