गोरखपुर। गोरखपुर नगर निगम दस्ते द्वारा जब्त की जा रही प्रतिबंधित पॉलिथीन का इस्तेमाल अब सड़कों के निर्माण के लिए होगा। प्रदेश के कई नगर निगमों में इस तकनीक से बनाई गईं, सड़कों की मजबूती ज्यादा होने के कारण नगर निगम ने यह फैसला लिया है। गोरखपुर शहर से रोजाना करीब 600 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। इसमें से तकरीबन 50 प्रतिशत पॉलिथीन और प्लास्टिक होता है। इसके अलावा नगर निगम की ओर से प्रतिबंधित पॉलिथीन के खिलाफ चलाए जा रहे, अभियान के अंतर्गत अब तक कई टन पॉलिथीन जब्त की जा चुकी है। वहीं प्रतिबंधित पॉलिथीन जब्त किए जाने का सिलसिला जारी है। जब्त की गई पॉलिथीन को अब तक नगर निगम प्रशासन गीडा की प्लास्टिक फैक्ट्रियों को बेचता था, लेकिन अब नगर निगम प्रशासन ने इसका इस्तेमाल सड़कों के निर्माण में करने का फैसला लिया है। नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि प्रदेश के नगर निगमों में सड़कों के निर्माण में प्लास्टिक और पॉलिथीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। जल्द ही गोरखपुर में भी इसका इस्तेमाल सड़कों के निर्माण में शुरू किया जाएगा। केवल तारकोल से बनने वाली सड़कों की अपेक्षा प्लास्टिक, तारकोल और गिट्टी के मिश्रण से बनी सड़क ज्यादा टिकाऊ होती है। यह जल्दी टूटती नहीं। साथ ही इसकी भार वहन क्षमता भी ज्यादा होती है।