वाराणसी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालय के छात्र शास्त्री में अंग्रेजी, कंप्यूटर और पर्सनालिटी एंड कम्युनिकेशन स्किल डेवलपमेंट भी पढ़ेंगे। इसके साथ ही शास्त्री पाठ्यक्रम चार साल का होगा। छात्रों को अब छह की जगह नौ प्रश्नपत्र देने होंगे। आगमी सत्र में प्रथम सेमेस्टर से नया पाठ्यक्रम लागू कर दिया जाएगा। शुक्रवार को कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी की अध्यक्षता में संकायाध्यक्षों की बैठक में शास्त्री के प्रथम सेमेस्टर के न्यूनतम समान पाठ्यक्रम का खाका खींचा गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसार, आगामी सत्र से शास्त्री में सेमेस्टर प्रणाली और न्यूनतम समान पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के अनुसार शास्त्री के पाठ्यक्रम को अपडेट किया जा रहा है। तीन वर्षीय शास्त्री का पाठ्यक्रम भी साथ-साथ चलेगा। चार साल का पूरा कोर्स करने वाले विद्यार्थियों को एक वर्ष में आचार्य (स्नातकोत्तर) की डिग्री हासिल करने की सुविधा होगी। वहीं यह विद्यार्थी शोध के लिए भी अर्ह माने जाएंगे। प्रथम सेमेस्टर उत्तीर्ण करने वाले को सर्टिफिकेट, एक साल उत्तीर्ण करने वाले को डिप्लोमा, तीन सेमेस्टर को पीजी डिप्लोमा और पूरा सेमेस्टर करने वालों को शास्त्री की डिग्री दी जाएगी। समिति की बैठक में पाठ्यक्रम की रूपरेखा रखी गई और इस पर सहमति भी बन गई है। बैठक में प्रो. प्रेमनारायण सिंह,प्रो. जितेंद्र कुमार, प्रो. शैलेश कुमार मिश्र, प्रो. राजनाथ समेत सभी संकायाध्यक्ष मौजूद रहे। कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार नई शिक्षा नीति व न्यूनतम समान पाठ्यक्रम को वर्तमान सत्र से लागू करने की तैयारियां चल रही हैं। इस दिशा में पहल भी शुरू कर दी गई है।