वाराणसी। टूरिज्म सेक्टर के सदस्यों ने प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर शुक्रवार शाम चर्चा हुई। इस दौरान बनारस के आसपास धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने के लिए मार्कंडेय महादेव मंदिर, शूलटंकेश्वर मंदिर आदि को भी पर्यटन के मुख्य धारा से जोड़ने का रोडमैप तैयार किया गया। बैठक में उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल, तीर्थ, बौद्ध और विरासत पर्यटन को फिर से कैसे प्रमोट किया जाए और वाराणसी के अन्य महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल जैसे चंद्र प्रभा वन्य जीव अभयारण्य, राजदरी और देवदरी के झरने, लखनियादरी का झरना एवं हिल स्टेशन के रूप में विंध्य क्षेत्र के किस भाग को विकसित किया जा सकता है। चुनार का किला, सोनभद्र का विजय गढ़ का किला एवं सलखन का फासिल्स पार्क व अगाड़ी के बृहद पिकनिक स्पॉट को कैसे पर्यटन के मुख्य धारा में जोड़ा जाए और जौनपुर में स्थित प्राचीन किला, राजशाही पैलेस, अटाला मास्क, शाहगंज का वृहद तालाब क्षेत्र का इको टूरिज्म एवं अन्य धार्मिक स्थल जैसे श्रीत्रिलोचन महादेव मंदिर, मां शीतला चौकियां धाम एवं अन्य स्थलों को कैसे आगे बढ़ाया जाए इस पर टूरिस्ट सेेक्टर के सदस्यों ने चर्चा की। टूरिज्म सेक्टर की बैठक में इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर आपरेटर्स और उत्तर प्रदेश चैप्टर के अध्यक्ष प्रतीक हीरा, चैप्टर के सह अध्यक्ष भुवनेंद्र विक्रम सिंह, उपेंद्र गुप्ता, अनिल कुमार सिंह, अजय गुप्ता आदि मौजूद रहे।