वाराणसी। वाराणसी में किसी जमाने में शहर की पहचान रही वरुणा नदी को नया रूप देने की परियोजना पांच साल बाद पूरी होती दिखाई दे रही है। रेलवे ने चौकाघाट एसटीपी से वरुणा में गिरने वाले नालों को रेलवे लाइन के नीचे से गुजरने की सहमति दे दी है। ऐसे में वरुणा कॉरिडोर परियोजना अगस्त में मूर्त रूप ले सकती है। करीब डेढ़ साल पहले वरुणा कॉरिडोर के लोकार्पण की तैयारी थी, मगर अंतिम समय में इसके लोकार्पण को रोका गया था। अब काम पूरा होने के बाद इसकी पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। दरअसल वरुणा नदी का सौंदर्यीकरण कर पर्यटन के मुताबिक विकसित करने की योजना पर वर्ष 2016 में काम शुरू किया गया था। 201 करोड़ रुपये से नदी की सफाई, दोनों किनारे पर पाथवे, रेलिंग, लाइट, पौधरोपण, बैठने के लिए कुर्सियां व पांच घाट को पक्का बनाने का कार्य मार्च 2016 में शुरू हुआ। इस परियोजना को दिसंबर 2016 तक पूरा करना था, मगर पांच साल बाद भी काम को पूरा नहीं किया जा सका। इसमें सबसे बड़ी बाधा वरुणा नदी के दोनों किनारों पर गिरने वाले 14 बड़े और सैकड़ों छोटे नालों को पाइप लाइन के जरिए डायवर्ट करना है। नदी के दोनों किनारे बिछाई गई सीवर लाइन को चौकाघाट के सीवर पंपिंग स्टेशन से जोड़ने में रेलवे का अड़ंगा था। हालांकि रेलवे ने चौकाघाट रेलवे लाइन के नीचे से पाइप लाइन डालने पर सहमति दे दी है। नदी के दोनों किनारे पर पाथवे का निर्माण भी अंतिम चरण में है। इस परियोजना को अगस्त में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।