गाजीपुर। पूर्वांचल के जिलों से हो कर गुजरने वाली नदियां मानसून की बारिश के साथ ही उफनाने लगी हैं। वाराणसी के बाद रविवार को गाजीपुर और बलिया में गंगा के जलस्तर में एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी दर्ज की गई। हालांकि नदी अभी खतरे के निशान से काफी नीचे है लेकिन इसके बावजूद तटवर्ती क्षेत्र के लोगों की धुकधुकी बढ़ने लगी है। इधर, बलिया में लाल निशान छूने को आतुर सरयू नदी के तेवर तल्ख हो गए हैं। जल स्तर में लगातार वृद्धि का सिलसिला जारी रहने से बाढ़ की संभावना बढ़ गई है। लगातार बारिश और बीते दिनों हरिद्वार, नरोरा और कानपुर से करीब चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से ज्येष्ठ महीने में ही तटवर्ती इलाकों में पानी बढ़ने की आशंका लोगों को सताने लगी है। हालांकि बाढ़ प्रखंड के अभियंताओं का कहना है कि बांधों से छोड़े गए पानी को यहां पहुंचने में पांच से छह दिन का समय लग सकता है। गाजीपुर में सैदपुर तहसील के आदित्य घाट की 14 सीढ़ियों के जलमग्न होने के बाद गंगा का पानी एक बार फिर बढ़ने लगा है। 16 जून से तीन से चार सेंटीमीटर प्रतिदिन के हिसाब से बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। तटवर्ती इलाकों के लोगों का कहना है कि जिस तरह से समय से पूर्व मानसून आया है और बांधों में पानी छोड़ा जा रहा है। उसे देखकर तो यही अनुमान लगता है कि इस वर्ष नदियां उफान पर रहेंगी।