लखनऊ। प्रदेश में ब्लैक फंगस सहित अन्य फंगस से संबंधित बीमारियों को देखते हुए केजीएमयू को नोडल सेंटर बनाया गया है। आईसीएमआर ने यूनिवर्सिटी में एडवांस माइकोलॉजी डाइग्नोस्टिक एंड रिसर्च सेंटर की मंजूरी दी है। यह सेंटर प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों के साथ समन्वय स्थापित कर फं गस की जांच और इलाज की दिशा तय करेगा। समय-समय पर गाइडलाइन तैयार करेगा और दवाओं का ट्रायल भी हो सकेगा। कोरोना वायरस के बाद पूरे देश में म्यूकॉरमाइकोसिस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। यूपी में भी ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस, यलो फंगस आदि पाए गए हैं। ऐसे में आईसीएमआर ने देशभर में 13 रिसर्च सेंटर को मंजूरी दी। उत्तर प्रदेश में यह सेंटर केजीएमयू में खुल रहा है। इस सेंटर के प्रभारी माइक्त्रसेबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर प्रशांत गुप्ता को बनाया गया है। इस आधुनिक लैब खुलने के बाद फंगस पर कौन सी दवा कितना असर कर रही है, यह खून की जांच से ही पता चल सकेगा। इससे फंगस पर समयगत सटीक दवाओं का प्रयोग कर मरीजों की जान बचाई जा सकेगी।