वाराणसी। भारत और जापान की प्राचीन से आर्वाचीन दोस्ती का प्रतीक वाराणसी का रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर वैश्विक कला संस्कृति का केंद्र बनेगा। विश्व की प्राचीनतम नगरी काशी में अध्यात्म, कला, संस्कृति और संगीत की बुनियाद पर निर्मित रुद्राक्ष भारत और जापान की दोस्ती को नया आयाम देगा। जापानी प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने भी संकेत दिए हैं कि भारत और जापान मिलकर कला-संस्कृति की नई बुनियाद रखेंगे। अध्यात्म, कला, संस्कृति और संगीत की नगरी काशी को रुद्राक्ष के रूप में शहर के बीचोंबीच अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर की सौगात मिली है। लंबे अरसे से इसकी जरूरत कलाप्रेमियों और कलाकारों को महसूस हो रही थी। अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित रुद्राक्ष में वैश्विक आयोजनों के साथ ही स्थानीय कला और कलाकारों के लिए बेहतरीन मंच उपलब्ध होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बृहस्पतिवार को कहा था कि रुद्राक्ष भारत और जापान की दोस्ती को मजबूती प्रदान करेगा। इसमें काशी की प्राचीनता, आधुनिकता की चमक और सांस्कृतिक आभा भी है। यह जापान की ओर से काशीवासियों को प्रेम की माला की तरह है। रुद्राक्ष के माध्यम से काशी दुनिया को कला और संस्कृति के जरिये जोड़ने का नया माध्यम बनेगी। पीएम मोदी ने कहा था कि काशी दुनियाभर के कलाकारों को अपनी तरफ खींचती है। ऐसे में रुद्राक्ष देश और दुनिया भर में कला-संस्कृति के आदान-प्रदान का केंद्र बनेगा। कलाकारों का आह्वान करते हुए कहा कि रुद्राक्ष को अपनी प्राथमिकता में शामिल करें। बनारस के कवि देश और दुनिया भर में जाने जाते हैं तो ऐसे में यहां पर वैश्विक रूप में कवि सम्मेलन का भी आयोजन कराया जा सकता है। अध्यात्म के साथ कला और संस्कृति को संजोए हुए रुद्राक्ष में जापान के सहयोग से वैश्विक संगीत व कला के आयोजन भी संपन्न होंगे। जापानी पीएम ने भी इस दिशा में प्रयास के लिए सकारात्मक संदेश दिए हैं।