वाराणसी। काशी पुराधिपति के भव्य दरबार के आकार लेने से पहले ही उसके संचालन की रूप रेखा तैयार की जा रही है। इसके लिए काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद की 10 जुलाई को होने वाली बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगाएगा। बोर्ड के प्रस्ताव को शासन में भेजा जाएगा और वहां से मंजूरी मिलने के बाद इस पर आगे कार्य आरंभ हो जाएगा। श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद की बैठक में श्री काशी विश्वनाथ धाम का संशोधित प्रस्ताव पेश किया जाएगा। इसके साथ ही धाम के संचालन और व्यवस्था पर भी निर्णय होगा। 10 जुलाई को होने वाली परिषद की बैठक में पीपीपी मॉडल पर धाम की व्यवस्था और काम के बंटवारे पर भी विचार किया जाएगा। धाम में बन रहे सभी 24 भवनों की देखभाल के लिए पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर कंपनी का चयन किया जाएगा। जिस कंपनी का चयन किया जाएगा, वह सभी भवनों से आय के स्रोत विकसित कर बजट तैयार करेगी और इसी बजट से कॉरिडोर की सुरक्षा, बिजली, व्यवस्था, संचालन व देखभाल पर खर्च किया जाएगा। सीएम ने अधिकारियों से कहा था कि काशी विश्वनाथ धाम बनने से पहले श्रीकाशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद व काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के कार्यों व जिम्मेदारियों का निर्धारण होना चाहिए। ताकि भविष्य में दोनों संस्थाओं के कार्यों के क्रियान्वयन में दिक्कत नहीं आए। बोर्ड की बैठक के दौरान आय-व्यय का बजट, न्यास और परिषद के बीच काम का बंटवारा किया जाएगा।