गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में महायोगी गुरु श्री गोरक्षनाथ शोधपीठ की ओर से पांच अंतर्राष्ट्रीय विजिटिंग रिसर्च फेलोशिप प्रदान की जाएगी। नाथपंथ अध्ययन को लोकप्रिय बनाने के लिए स्थापित शोधपीठ के भवन का उद्घाटन दिसंबर तक होने की उम्मीद है। नाथपंथ के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए विश्वविद्यालय ने पहले ही रूस, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका, नेपाल में नाथपंथ के अंतरराष्ट्रीय केंद्रों की पहचान की है। शोधपीठ दुनिया भर में नाथ पंथ पर काम करने वाले सभी शिक्षाविदों और केंद्रों को एक मंच पर लाएगा। ऑस्ट्रिया से योगी हॉलमैन नाथ, स्पेन से भगवान नाथ, ब्राजील से योगिनी देवकीनाथ, मिशिगन विश्वविद्यालय, अमेरिका के डॉ माधवदेश पांडेय को केंद्र के माध्यम से जोड़ा जाएगा। गोरखपुर विश्वविद्यालय ने पहले ही संयुक्त राज्य अमेरिका, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, रूस और नेपाल जैसे देशों में पांच केंद्रों की पहचान की है। शोधपीठ द्वारा अमेरिका में तीन महीने के अध्ययन के लिए लगभग 7500 डॉलर प्रदान किये जायेंगे। इसे छह महीने या पीडीएफ या पीएचडी के रूप में केंद्र द्वारा अनुशंसित किया जा सकता है। इसके अंतर्गत इंटरनेशनल ट्रेवेल ग्रांट और रहने का खर्च 3-6 महीने के लिए प्रस्तावित किया गया है। इसी तरह का प्रावधान रूस, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन और नेपाल के केंद्रों के लिए भी किया जाएगा। इंटरनेशनल फे लोशिप के लिए आवेदन करने के इच्छुक अभ्यर्थी www.ddugu.ac.in/notices लिंक से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। प्रवेश से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए समन्वयक इंटरनेशनल सेल से संपर्क करें।