आगरा। मथुरा के छात्रवृत्ति घोटाले में लगातार हो रहीं जांचों के क्रम में एक और जांच शुरू हो गई है। यह जांच भी एसडीएम स्तर के ही अधिकारी करेंगे। जबकि इससे पहले भी एसडीएम स्तर के अधिकारियों ने आठ बिंदुओं की जांच कर रिपोर्ट दी थी। इस रिपोर्ट के खिलाफ डिफॉल्टर विद्यालयों ने शासन से शिकायत की और इस शिकायत पर फिर से जांच प्रारंभ हो गई है। एसडीएम या एसडीएम स्तर के अधिकारियों ने पिछली दफा विद्यालयों में जाकर मौके की वस्तुस्थिति को जानने के बाद जो रिपोर्ट तैयार की थी, उसमें उनके द्वारा कुल विद्यालयों में से 374 विद्यालयों को डिफॉल्टर होने की रिपोर्ट शासन को दी। इस रिपोर्ट के बाद यह विद्यालय पुन: शासन में गए और डिप्टी डायरेक्टर समाज कल्याण विभाग मथुरा कार्यालय आए, उसके बाद शासन स्तर के अधिकारियों ने इन विद्यालयों की पुन: जांच के आदेश दिए। इस आदेश के अनुपालन में डीएम नवनीत सिंह चहल ने शनिवार की रात को बैठक ली, जिसमें समाज कल्याण अधिकारी सहित जांच करने वाले अधिकारी भी शामिल थे। बैठक में यह तय किया कि तहसीलवार एसडीएम स्तर के अधिकारियों की टीम तैयार की जाएंगी।
यह टीमें मौके पर जाकर विद्यालयों की सच्चाई को एक दफा अपनी पुरानी रिपोर्ट से मिलान करेगी, वह जांच करके विद्यालयों की वस्तुस्थिति बताते हुए अपनी रिपोर्ट देंगे। समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर गुप्ता ने बताया कि विगत जांच में जो विद्यालय छात्रवृत्ति के अयोग्य पाए गए हैं, उनकी जांच एसडीएम स्तर के अधिकारियों की टीम करेंगी। डीएम के निर्देश पर यह टीम जल्द ही अपनी रिपोर्ट देंगे।