छुट्टा जानवरों के संरक्षण से जुड़ी मुश्किलें दूर करने के लिए दस दिन तक चलेगा अभियान

लखनऊ। सत्ता में आने के कुछ समय बाद से ही योगी सरकार के लिए चुनौती बने छुट्टा गौवंश के संरक्षण से जुड़ी व्यवस्था में खामियों की जांच व सुधार को लेकर 10 दिन की विशेष मुहिम शुरू करने की तैयारी है। इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अफसरों के निर्देशन में पूरी कार्यवाही शुक्रवार से शुरू होगी। इस समस्या के समाधान को लेकर विभाग के स्तर से यह अब तक सबसे बड़ा प्रयास बताया जा रहा है। प्रदेश में छुट्टा पशुओं की समस्या अब भी गंभीर बनी हुई है और पांच लाख पशु सड़कों पर घूम रहे हैं। साथ ही यह भी बताया था कि कई जिलों में गोवंश संरक्षण केंद्रों का निर्माण हुए लगभग एक वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन इनमें एक भी पशु संरक्षित नहीं हैं। विधानसभा चुनाव से पूर्व इस रिपोर्ट ने सरकार की पेशानी पर बल ला दिया है। अब पशुपालन विभाग ने इस समस्या के समाधान को लेकर विशेष कार्ययोजना तैयार की है। निदेशक पशुपालन डॉ. संतोष कुमार मलिक ने प्रदेश में निराश्रित व बेसहारा गोवंश की सुरक्षा तथा गो आश्रय स्थलों के सत्यापन, वहां की आवश्यकताओं के आकलन तथा आवश्यक संसाधनों के प्रबंधन से संबंधित कार्यवाही के लिए 10 दिन के विशेष अभियान का एलान किया है। विभाग ने प्रत्येक जिले के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित करते हुए उसे 23 जुलाई के अपराह्न तीन बजे तक प्रत्येक दशा में संबंधित जिले में उपस्थित होने और अगले 10 दिन तक वहीं कैंप कर कार्ययोजना क्रियान्वयन की कार्यवाही कराने को निर्देशित किया है। प्रत्येक नोडल अधिकारी कम से कम 30 गौ आश्रय स्थलों का भ्रमण करेंगे। वे दी गई चेकलिस्ट के हिसाब से रिपोर्ट तैयार कर उसका विस्तृत विश्लेषण करेंगे और अपनी रिपोर्ट देंगे। चेक लिस्ट में निराश्रित व बेसहारा गोवंश के संरक्षण को लेकर वे सभी महत्वपूर्ण सूचनाएं मांगी गई हैं, जिनसे वहां की खामियों व उल्लेखनीय व्यवस्था का आकलन हो सके।

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