वाराणसी। सरकारी निर्माण और सड़कों के चौड़ीकरण में हरे पेड़ों को अब नहीं काटा जाएगा। वाराणसी में पहली बार ट्री ट्रांसप्लांट मशीन से हरे पेड़ को नए प्रस्तावित मंडलीय कार्यालय से जिला कारागार स्थानांतरित किया गया। दिल्ली से मंगाई गई ट्री ट्रांसप्लांट मशीन से रविवार को प्रायोगिक तौर पर इसकी शुरुआत की गई। मंडलायुक्त कार्यालय में प्रस्तावित एकीकृत कार्यालय के निर्माण में 73 पेड़ों को काटा जाना था। ऐसे में तय किया गया कि इन पेड़ों को काटने की बजाय दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाए। इसलिए वन विभाग की ओर से दिल्ली से मशीन मंगाई गई। मशीन के आने के बाद रविवार को सफलतापूर्वक एक पेड़ को जिला कारागार में स्थानांतरित किया गया। अब सोमवार को बाकी के पेड़ों को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू होगी। वनाधिकारी महावीर कौजालगी ने बताया कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय के निर्माण में 73 पेड़ ऐसे हैं जो भवन निर्माण में बाधक थे। पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए पेड़ को काटने के बजाए उन्हें जड़ सहित सुरक्षित उखाड़ कर जिला कारागार में लगाया जाएगा। रविवार को प्रायोगिक तौर पर एक पेड़ को स्थानांतरित किया गया। आने वाले दिनों में सरकारी निर्माण और सड़क चौड़ीकरण के दौरान पेड़ों को काटा नहीं जाएगा। ऐसे पेड़, जिनकी आयु लंबी होगी, उन्हें सुरक्षित जगहों पर लगा दिया जाएगा।