लखनऊ। एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि धर्मांतरण से जुड़े सभी संगठनों की विस्तृत जांच की जाएगी। पुलिस व जांच एजेंसिया लगातार जांच कर रही हैं। पूरा मामला जांच का विषय है, जब तक कोई पुख्ता सबूत न मिल जाए तक तक कुछ नही कहा जा सकता जब पुख्ता प्रमाण मिल जाए तभी बताना उचित होगा। धर्मान्तरित किए गए लोगों के परिवार वालों से हम लोग लगातार संपर्क में हैं। सूचनाओं का आदान प्रदान हो रहा है,बहुत जल्द हम एक एटीएस का नम्बर भी जारी करेंगे। ये एक संवेदनशील मामला है एटीएस ने इसपर बहुत मेहनत की है,अब तक धर्मांतरण के मामले में 24 राज्यों की बात प्रकाश में आई है। उमर और जहाँगीर को रिमांड पर लेकर लगातार जाँच पड़ताल चल रही है,जांच पूरी होने पर जानकारी दी जाएगी। गौरतलब है कि यूपी एसटीएस ने मूक बाधिर छात्रों व कमजोर आय वर्ग के लोगों को धन, नौकरी व शादी करवाने का लालच देकर धर्मांतरण कराने वाले सिंडिकेट के दो लोगों को गिरफ्तार किया था। ये लोग आईएसआई व अन्य विदेशी फंडिंग से धर्मांतरण करवाते थे। बताया जा रहा है कि ये लोग बड़ी संख्या में धर्मांतरण करवा चुके हैं और कई लड़कियों की धर्मांतरण के बाद शादी भी करवा चुके हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी पुत्र ताहिर अख्तर निवासी ग्राम जोगाबाई, जामिया नगर, नई दिल्ली व मोहम्मद उमर गौतम पुत्र धनराज सिंह गौतम निवासी बाटला हाउस, जामिया नगर, नई दिल्ली के रूप में हुई है। उमर ने पूछताछ में बताया कि उसने अभी तक एक हजार गैर मुस्लिम लोगों को मुस्लिम धर्म में परिवर्तित कराया है और बड़ी संख्या में उनकी मुस्लिमों से शादी कराई। बता दें कि पुलिस महानिदेशक यूपी के निर्देशन में अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था द्वारा चलाए जा रहे अभियान के दौरान यूपीएटीएस को विगत कुछ समय से यह सूचना प्राप्त हो रही थी कि कुछ देश विरोधी व असामाजिक तत्व, धार्मिक संगठन या सिंडिकेट आईएसआई व विदेशी संस्थाओं के निर्देश व उनसे प्राप्त फंडिंग के आधार पर लोगों का धर्म परिवर्तन कर रहे हैं। ये लोग उनके मूल धर्म के प्रति नफरत फैलाकर उन्हें संगठित अपराध के लिए उकसा रहे थे। इस सूचना पर यूपीएटीएस ने कार्रवाई करते हुए मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी व मोहम्मद उमर को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।