वाराणसी। धर्म नगरी काशी अब उत्तर प्रदेश के धर्मार्थ कार्य विभाग का केंद्र भी होगी। धर्मार्थ कार्य विभाग के पहले निदेशक दीपक अग्रवाल की नियुक्ति के बाद अब प्रदेशभर के मठ मंदिरों के विकास की नई राह खुलेगी। काशी में निदेशालय का संचालन शुरू होने के साथ ही मठ-मंदिरों का डाटा और विकास की प्रक्रिया भी तेजी से आगे बढ़ेगी। गाजियाबाद में निदेशक की नियुक्ति के बाद निदेशालय के काम का बंटवारा होगा, लेकिन अभी फिलहाल नियुक्ति नहीं होने के कारण वाराणसी से ही धर्मार्थ कार्य की गतिविधियां संचालित की जाएंगी। संस्कृति, पर्यटन व धर्मार्थ कार्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने बताया कि वाराणसी में धर्मार्थ कार्य विभाग खुलने के साथ ही धर्मार्थ कार्य और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही धर्म स्थलों की व्यवस्था से संबंधित निर्णय लेने में भी आसानी होगी। इसके अलावा प्रदेश के सभी मठ-मंदिरों का डाटा भी तैयार करेगा। इससे मठ-मंदिरों के संरक्षण के साथ ही उन पर होने वाले विवादों के निपटारे में सहूलियत होगी। साथ ही देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रदेश के धार्मिक स्थलों की जानकारियां भी उपलब्ध होंगी।