नाम और काम पर मैदान में उतरेगी भाजपा, राष्ट्रवाद के साथ विकासवाद बौर सेवावाद होंगे हथियार

लखनऊ। राष्ट्रवाद के साथ विकासवाद व सेवावाद 2022 के चुनावी समर में भाजपा के हथियार होंगे। पार्टी कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सत्ता की चाल-ढाल, चिंतन, सरोकारों, संकल्पों एवं सामाजिक समर्पण को लेकर लोगों के बीच जाएंगे। उनसे 2022 में प्रदेश में एक बार फिर भाजपा सरकार बनाने के लिए मतदान का आह्वान करेंगे। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की शुक्रवार को यहां दिन भर चली बैठक से यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया। पार्टी ने इस बैठक के जरिए 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणभेरी फूंक दी। प्रधानमंत्री ने बृहस्पतिवार को वाराणसी में राष्ट्रवाद के सहारे जातिवाद व भाई-भतीजावाद के आरोपों से घिरी रही प्रदेश की पूर्ववर्ती गैर भाजपा सरकारों पर निशाना साधते हुए योगी सरकार के विकासवाद की बात की थी। प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में मोदी के मंत्र पर ही आगे बढ़ते हुए कोरोना और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने का आह्वान करते हुए राष्ट्रवाद, विकासवाद व सेवावाद का एजेंडा कार्यकर्ताओं को सौंपा गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह तथा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने जो मुद्दे उठाए, भाजपा सरकारों के निर्णय बताए, आगे की तैयारी की जानकारी दी, उससे भी भाजपा की चुनावी लड़ाई की तैयारी की झलक मिल गई। बैठक में भाजपा सरकार में हर वर्ग के कल्याण व उनकी समस्याओं के समाधान के लिए हुए कामों का उल्लेख किया गया। कार्यकर्ताओं को इन मुद्दों पर प्रदेश व केंद्र की गैर भाजपा सरकारों की कार्यशैली व फैसलों तथा भाजपा सरकारों की नीति, नीयत व निर्णयों में फर्क समझाया गया। फिर कार्यकर्ताओं को भाजपा की सरकारों व गैर भाजपा की सरकारों की सामाजिक प्रतिबद्धता और संकल्पों पर समर्पण के अंतर के बारे में बताया गया और उन्हें इस बारे में एक-एक व्यक्ति को समझाने का काम सौंपा गया।

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