मुजफ्फरनगर। उत्तराखंड से सोलानी नदी में लगातार छोड़े जा रहे पानी से मुजफ्फरनगर के खादर क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। पानी बढ़ने से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गई। लक्सर मार्ग पर गांव शेरपुर के पास रपटे सहित कई रास्तों पर पानी आ जाने से आवागमन पूरी तरह प्रभावित हो गया। वहीं गंगा का जलस्तर बढ़ने की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने खादर क्षेत्र के गांवों में अलर्ट घोषित कर दिया था। सोमवार शाम उत्तराखंड की शिवालिक पहाड़ियों से पांच हजार क्यूसेक पानी पुरकाजी के खादर क्षेत्र की सोलानी नदी में छोड़ा गया, जिससे सोलानी नदी के उफान पर आ जाने से पानी नदी से बाहर निकलकर आसपास के जंगलों व खेतों में भर गया। गांवों के रास्तों पर पानी आ जाने से ग्रामीणों का आवागमन भी प्रभावित हो गया। सोमवार की रात पानी और बढ़ जाने से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गई, जिससे घबराए ग्रामीणों ने घरों में रखा सामान सुरक्षित स्थानों पर रखना शुरू कर दिया। पानी लगातार बढ़ने से मंगलवार सुबह पानी लक्सर मार्ग पर बने रपटे सहित कई मुख्यमार्गों पर आ जाने से राहगीरों को भारी दिक्कतों का सामना करते हुए पानी से ही गुजरना पड़ा। सोलानी नदी में करीब आठ फुट पानी हो जाने पर वहां नाव का इंतजाम नहीं होने पर ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना कर इधर-उधर गांवों से गुजरकर अपने घरों तक पहुंचना पड़ा। एसडीएम सदर दीपक कुमार ने बताया कि सोलानी नदी के पास ग्रामीणों के लिए नाव का इंतजाम कराने के निर्देश दे दिए गए हैं। ग्रामीणों को कोई दिक्कत ना हो प्रशासन द्वारा इस ओर पूरा ध्यान रखा जा रहा है। सिंचाई विभाग के एसडीओ जेई अशोक जैन ने बताया कि मंगलवार की रात उत्तराखंड से आठ हजार क्यूसेक पानी और छोड़ा जाएगा। खतरे वाली कोई बात नहीं है। आज सुबह तक सोलानी नदी में जलस्तर पूरी तरह कम हो जाएगा। उधर, ग्रामीणों ने बताया कि जंगलों व खेतों में पानी भर जाने से पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था नहीं होने से पशुओं को चारा नहीं मिल पाया। इस मौके पर राजू प्रजापति, साधुराम, राजेंद्र पांचली, कृष्णपाल आदि ने बताया कि जंगलों व खेतों में पानी भरा रहने से कई दिनों तक चारे की समस्या बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे में पशुओं को भूसा खिलाना पड़ेगा। बताया कि नदी के पास नाव का इंतजाम नहीं होने से मंगलवार को ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।