पुरातात्विक सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ दाखिल हुई दूसरी याचिका, नौ जुलाई को होगी सुनवाई

वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने के सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) के आदेश के खिलाफ सोमवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से जिला जज की अदालत में निगरानी याचिका दायर की गई है। इस दौरान निगरानी सुनवाई योग्य पोषणीय है या नहीं, इस पर सुनवाई के लिए नौ जुलाई की तिथि नियत की गई है। इसके पूर्व 30 अप्रैल को यूपी सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक्फ ने निगरानी याचिका दाखिल की थी। यह याचिका अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की तरफ से सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 115 के तहत अधिवक्ता मुमताज अहमद, रईस अहमद अंसारी, एखलाक अहमद और मेराजुद्दीन सिद्दीकी की ओर से दाखिल की गई है। इसमें फास्ट ट्रैक कोर्ट सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत की ओर से आठ अप्रैल 2021 को दिए गए उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें केंद्रीय पुरातात्विक सर्वेक्षण द्वारा पांच सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम बनाकर ज्ञानवापी परिसर की खुदाई कर धार्मिक स्वरूप और शिवलिंग होने का पता लगाने को कहा गया है। याचिका में कहा गया कि फास्ट ट्रैक कोर्ट का आदेश अवैधानिक है, जो मूल दावा है, उससे हटकर यह आदेश है। साथ ही पुरातात्विक सर्वेक्षण कराए जाने का दिया गया आवेदन भी वैधानिक नहीं है। याचिका में जिक्र किया कि वर्ष 1991 से लंबित वाद में अभी साक्ष्य शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में पुरातात्विक सर्वेक्षण का आदेश अवैधानिक है। अदालत ने यह निगरानी याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं इस पर सुनवाई के लिए नौ जुलाई की तिथि नियत की है।

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