लखनऊ। कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ने के बाद अब गांव के बच्चों को भी शिक्षा से जोड़ने की पहल की गई है। गांव के छात्रों को पठन-पाठन से जोड़ने के लिए मोहल्ला पाठशाला शुरू की जा रही है। ग्रामीण स्तर पर मोहल्ला पाठशाला के लिए ग्राम प्रधानों की मदद ली जाएगी। गांव में मोहल्ला पाठशाला के लिए खुली जगह का चयन किया जाएगा, जिससे बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के अनुसार बैठाकर पढ़ाया जा सके। ग्राम प्रधानों से कहा गया है कि गांवों में मोहल्ला पाठशाला चलाने के लिए खुली जगह तलाश करें। इसके लिए पंचायत भवन, खेल का मैदान, सामुदायिक भवन जैसी जगह का चयन कर मोहल्ला पाठशाला के जरिये कक्षाएं शुरू की जाएंगी। मोहल्ला पाठशाला खुली जगह में आयोजित करने पर बच्चों को संक्रमण से बचाया जा सकेगा। ऐसे में कोविड के मानकों का पालन कराया जा सकेगा। प्रधानाध्यापकों को शिक्षकों और प्रेरणा साथियों के साथ मिलकर कक्षाओं का संचालन करने को कहा गया है। बच्चों के लिए शैक्षिक सामग्री वितरण का भी निर्देश दिया गया है। प्रधानाध्यापक से कहा गया है कि हर दिन शिक्षण के बाद अगले दिन के लिए स्कूल आकर कार्ययोजना तैयार करें। बीएसए संजय कुशवाहा का कहना है कि स्कूल खुलने तक बच्चों को मोहल्ला पाठशाला के जरिए शिक्षा से जोड़ने का काम किया जाएगा, जिससे उनकी पढ़ाई पिछड़ने न पाए और बच्चे पढ़ाई-लिखाई न भूलें।