गोरखपुर। कोविड टीकाकरण के लिहाज से अलग-अलग वैक्सीन, कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगवा चुके लोगों के कॉकटेल डोज की जांच यूरोप की तर्ज पर एनआईवी पूणे करेगा। क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) जांच के लिए 20 ऐसे लोगों के नमूने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) पुणे भेज चुकी है। इसके अलावा 40-40 ऐसे लोगों के नमूने भी लिए जाएंगे, जो कोविशील्ड और कोवैक्सीन का डोज ले चुके हैं। हालांकि इस काम में एनवाईवी पुणे को एक साल का समय लगेगा। इसके बाद ही यह पता चल पाएगा कि कॉकटेल डोज का असर उन लोगों पर कितना हुआ है। जानकारी के मुताबिक यूरोप के कई देशों ने कॉकटेल डोज का अध्ययन करना शुरू कर दिया है। इनमें ब्रिटेन और यूरोप के कई देश शामिल हैं। कॉकटेल डोज के अध्ययन के लिए भारत में भी इसकी शुरुआत होनी थी, लेकिन इसकी मंजूरी आईसीएमआर (इडियन कांउसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) की ओर से मिल नहीं रही थी। इस बीच सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ तहसील के औंदही कला में स्वास्थ्य कर्मियों की गलती से 20 लोगों को पहली डोज कोविशील्ड की और दूसरी डोज कोवैक्सीन की लगा दी गई। इसकी जानकारी जब आईसीएमआर को हुई तो आरएमआरसी को ऐसे लोगों के नमूने इकट्ठा करने के निर्देश दिए गए।