लखनऊ। केंद्र व प्रदेश सरकार की अति महत्वाकांक्षी जल संचयन योजना को लेकर शुरू भू-जल सप्ताह तैयारियों की समीक्षा डीएम ने अफसरों के साथ की। डीएम ने जिला स्तरीय कार्यालयों के साथ ही दफ्तरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लागू कर बरसात के पानी को एकत्र कर रिचार्ज करने का निर्देश दिया। इस मौके पर 240 राजस्व ग्रामों में ग्रामीण पेयजल योजना के कार्यों के लिए तैयार 99 परियोजनाओं के डीपीआर को स्वीकृति प्रदान की गई। लगातार गिरते भू-जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन इन दिनों भू-जल जागरूकता सप्ताह कार्यक्रम आयोजित करने में जुटा है। कार्यक्रम सफल हो सके तथा अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जा सके इसके लिए डीएम अरुण कुमार ने कलेक्ट्रेट सभागार में अफसरों के साथ बैठक की। बैठक में डीएम ने जल ही जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्र में शुद्ध जलापूर्ति सुनिश्चित करने तथा जल संचयन के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लागू करते हुए जिला स्तरीय सभी कार्यालयों व सभी कार्यालयों को शामिल कराने का निर्णय लिया है। डीएम ने भू-जल सप्ताह के तहत लोगों को जनजागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से भवनों की छतों से निकलने वाले बरसात के पानी को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के तहत रिचार्ज करने के साथ ही जल संचय व बरसात का पानी भूमि की सतह मेें प्रवेश कराने को कहा। इस मौके पर 250 राजस्व ग्रामों में पाइप पेयजलापूर्ति के सूचीबद्ध संस्थाओं की ओर से प्रस्तुत 99 परियोजनाओं के अनुमानित आगणन को स्वीकृति प्रदान की। डीएम ने ग्राम पंचायतों में पेयजल एवं स्वच्छता समिति गठित कर दूषित पानी से होनी वाली बीमारियों से अवगत कराते हुए जलसंरक्षण व भू-गर्भ जल रिचार्ज के प्रति लोगों को जागरूक कर सामुदायिक अंशदान व श्रमदान को प्रोत्साहित करने को कहा। डीएम ने जनजागरूकता कार्यक्रम में किसी प्रकार की लापरवाही बरतने पर विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी। बैठक में सीडीओ डॉ. अंकुर लाठर, परियोजना निदेशक आशुतोष दुबे, भूमि संरक्षण अधिकारी डॉ. हरिकृष्ण मिश्र, डीआईओएस जयकरन लाल वर्मा व एक्सईएन लघु सिंचाई व सिंचाई समेत सभी अधिकारी मौजूद रहे।