आगरा। रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए आगरा का स्कूल मॉडल प्रदेशभर के लिए नजीर बनेगा। आगरा पहला जिला है, जहां 2263 सरकारी स्कूलों में रूफ टॉप रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं। विद्यालयों की छतों से बारिश का पानी सहेज कर उसे सोकपिट के रास्ते भूगर्भ में मिलाया जाएगा। 1521 प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में प्लांट निर्माण कार्य शुरू हो गए हैं। प्रत्येक बारिश में करीब 10 करोड़ लीटर वर्षा जल संचयन का लक्ष्य है। डार्क जोन में शामिल सबसे बड़े ब्लॉक फतेहाबाद में सबसे ज्यादा 262 प्लांट लगेंगे। 258 प्लांट का प्रस्ताव तैयार हो चुका है। 160 प्लांट का कार्य प्रगति पर है। 15 ब्लॉक में कुल 2263 प्लांट लगाने की योजना विकास भवन ने बनाई है। जिनमें 1778 प्लांट को तकनीकी स्वीकृति मिलने के बाद 1521 प्लांट पर कार्य शुरू हो गया है। प्रत्येक स्कूल की रेन वॉटर हार्वेस्टिंग क्षमता अलग-अलग होगी। वर्षा जल संचयन की क्षमता का आंकलन आसमान से गिरने वाले पानी पर निर्भर करेगा। मुख्य विकास अधिकारी ए मनिकन्डन ने बताया कि 10 करोड़ लीटर वर्षा जल प्रत्येक बारिश में सहेजा जा सकेगा। उन्होंने कहा, यह प्रदेश में अपनी तरह का अनोखा प्रोजेक्ट है। प्रदेश के किसी अन्य जनपद में जल सरंक्षण के लिए इस तरह काम नहीं हुआ है। आगरा के बाद अन्य जिलों में इस स्कूल मॉडल पर काम शुरू हो सकता है।