लखनऊ। लखनऊ की भविष्य के 50 साल की जरूरतों को पूरा करने के लिए एलडीए सिटी डवलपमेंट प्लान (सीडीपी) बनाएगा। इसमें सड़क, बिजली, पानी जैसे आधारभूत ढांचे को विकसित करने के अलावा शिक्षा, इलाज, उद्योग के विकास जैसे बिंदुओं को भी शामिल किया जाएगा। इनको ध्यान में रखते हुए नए प्रस्ताव सीडीपी में शामिल किए जाएंगे, जिन पर अलग-अलग विभाग संयुक्त रूप से काम करेंगे। सीडीपी बनाने के लिए सलाहकार कंपनी के लिए एलडीए ने एरिनेम का चुनाव किया है। लखनऊ की आर्किटेक्ट कंपनी एरिनेम ने मंगलवार को मंडलायुक्त रंजन कु मार, एलडीए वीसी अक्षय त्रिपाठी, पूर्व वीसी व सांसद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी, सचिव पवन गंगवार, मुख्य अभियंता इंदुशेखर सिंह के अलावा दूसरे विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी में अपना पहला प्रजेंटेशन भी दिया। आर्किटेक्ट अनुपम मित्तल ने प्रजेंटेशन में बताया कि लखनऊ की विरासत को संजोते हुए विकास के नए प्रोजेक्टों को इसमें शामिल किया जाना है। इसमें आम लोगों की जरूरतों और उनके समाधान के प्रोजेक्ट तय करने को सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से शहर की जनता से भी सुझाव लिए जाएंगे। सीडीपी को 20 सप्ताह में पूरा किया जाएगा। इससे पहले प्री-रिपोर्ट तैयार होगी। इसमें प्रस्तावित प्रोजेक्टों को अंतिम रूप से अनुमति मिलने के बाद सीडीपी का भाग बनाया जाएगा। सभी विभागों से भी उनकी भविष्य की योजनाएं पता की जाएंगी, जिससे जरूरी बदलाव कर उनको जनहित में बेहतर उपयोगी बनाया जा सके। मंडलायुक्त का कहना है कि राजधानी के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के साथ लखनऊ के धार्मिक स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों और संस्कृति पर पर्यटन के दृष्टिकोण से प्रोजेक्ट तय किए जाएं। सड़कों को बेहतर बनाने के साथ भूमिगत पार्किंग, नए मेडिकल कॉलेज, यूनीवर्सिटी व कॉलेज, औद्योगिक केंद्र, विद्युत उपकेंद्र आदि योजना में शामिल किए जाएं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर करने पर काम हो। निजी कंपनियों के निवेश की संभावनाओं का भी आकलन इस दौरान कर लिया जाए।