लखनऊ। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में इमरजेंसी सुविधाएं और बेहतर की जाएंगी। इसके लिए संस्थान में दो मंजिला भवन बनाने की तैयारी है। नया भवन बनने के बाद इमरजेंसी में बेड की संख्या बढ़ाई जा सकेगी। फिलहाल संस्थान की इमरजेंसी में सिर्फ 48 बेड हैं जबकि यहां रोजाना तीन से चार सौ मरीज पहुंचते हैं। संस्थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद ने आयोजित प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी। डॉ. नित्यानंद के अनुसार शहर के बीच में स्थित होेने की वजह से यहां मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। स्थान की कमी की वजह से बेड की संख्या बढ़ाना संभव नहीं है। इसको देखते हुए इमरजेंसी के लिए नया भवन बनाने की तैयारी की जा रही है। इस समय इमरजेंसी व लोहिया संस्थान के बीच काफी स्थान खाली है। इसका उपयोग दो मंजिला भवन तैयार करने में किया जा सकता है। ऐसा होने पर यहां पर इमरजेंसी के विस्तार के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध हो जाएगा। डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल का लोहिया संस्थान में विलय होने के बाद यहां के मरीजों को मिलने वाली मुफ्त दवाएं बंद हो गई हैं। इसको देखते हुए लोहिया संस्थान प्रशासन ने हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड से सस्ती दवाई उपलब्ध कराने के लिए काउंटर खोले हैं। फिलहाल इनकी संख्या तीन रखी गई है। पहला काउंटर ओपीडी के मरीजों को दवाएं देने के लिए होगा। दूसरे काउंटर पर इमरजेंसी के मरीजों को दवाएं मिलेंगी। तीसरे काउंटर पर सर्जरी वाले मरीजों को रियायती कीमत पर सर्जिकल सामान उपलब्ध कराया जाएगा। संस्थान प्रशासन के अनुसार इनकी कीमत 40 से 60 फीसदी तक कम हो सकती है। विभिन्न कंपनियों से करार होने की वजह से ये सस्ती दवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। संस्थान की निदेशक के अनुसार स्थान की कमी की वजह से बेड बढ़ाने का काम रुका हुआ है। लगभग सभी विभागों से बेड बढ़ाने के लिए प्रस्ताव आ रहे हैं। एमबीबीएस की मान्यता के लिए भी कई विभागों में बेड बढ़ाना जरूरी है। इस दिशा में भी काम किया जा रहा है।