वाराणसी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के संबद्ध महाविद्यालयाें को अब विश्वविद्यालय का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। लेह से लेकर नेपाल तक के संबद्ध महाविद्यालयों को जल्द ही अपने शहर में विश्वविद्यालय से जुड़ी सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं को अब डिजिटल करने की तैयारी की जा रही है। कुलाधिपति के निर्देश के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द ही इसकी कार्ययोजना तैयार करेगा। कुलसचिव डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालय देश भर में हैं। महाविद्यालयों को परीक्षा के दौरान, प्रमाणपत्र के लिए और अन्य कार्यों के लिए विश्वविद्यालय का चक्कर काटना पड़ता है। इसको देखते हुए विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं को डिजिटल करने की योजना है। इससे महाविद्यालयों को अपने ही जिले में सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से देश और नेपाल में संबद्ध महाविद्यालयों की संख्या 1200 से अधिक है। वार्षिक व सेमेस्टर परीक्षाओं के दौरान संबद्ध महाविद्यालयों को प्रश्नपत्र और परीक्षा सामग्री के लिए विश्वविद्यालय का लंबा चक्कर काटना पड़ता है। संसाधनों की कमी के कारण प्राचार्यों को खुद ही कापियों और पेपर का बंडल लेकर जाना पड़ता है। वहीं प्रमाणपत्र व डिग्री के लिए महाविद्यालय के छात्रों को विश्वविद्यालय आना पड़ता है। महाविद्यालय और विद्यार्थियों की समस्या को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने व्यवस्थाओं को अब पूरी तरह से डिजिटल करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। आगामी सत्र से इसकी शुरुआत हो सकती है। विश्वविद्यालय ने लाइब्रेरी को डिजिटल करने के साथ ही ई कंटेंट भी अपलोड किए हैं।