सिनेमाघरों में धूम्रपान संबंधी 49 साल पुराने कानून को प्रदेश सरकार ने किया खत्म

लखनऊ। प्रदेश सरकार ने सिनेमाघरों में धूम्रपान संबंधी 49 साल पुराना कानून खत्म कर दिया है। सरकार का मानना है कि मौजूदा समय में इस कानून की कोई जरूरत नहीं है। मल्टीप्लेक्स और सिनेमाघरों में धूम्रपान को लेकर चलचित्र अधिनियम प्रभावी है। इसलिए एक ही प्रतिबंध के लिए दो कानूनों की कोई जरूरत न होने की वजह से इसे निरस्त कर दिया गया है। इससे संबंधित प्रस्ताव बुधवार को कैबिनेट की बैठक में में मंजूरी दे दी गई है। राज्य सरकार ने प्रदेश के सिनेमाघरों में धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाने के लिए उतर प्रदेश धूम्रपान निषेध (सिनेमाघर) अधिनियम 1952 बनाया था। इस अधिनियम के अंतर्गत सिनेमा हाल में फिल्म दिखाए जाने के दौरान धूम्रपान पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस दौरान धूम्रपान करते हुए पाए जाने पर 50 रुपये अर्थदंड लगाने की व्यवस्था की गई थी। मौजूदा समय मल्टीप्लेक्स और सिंगल स्क्रीन वाले सिनेमाघरों के लिए धूम्रपान पर प्रतिबंध को लेकर अलग से चलचित्र अधिनियम बना हुआ है। इसीलिए इस अधिनियम का औचित्य समाप्त हो गया था। इसके चलते इसे निरस्त करने का फैसला किया गया है।प्रदेश सरकार ने 6 जिलों में पुलिस विभाग के जर्जर हो चुके थाने और आवासीय भवनों के ध्वस्तीकरण का फैसला लिया है। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव के मुताबिक लखनऊ में सुरक्षा विभाग के जर्जर भवन, रायबरेली के थाना ऊंचाहार और पुलिस लाईन के जर्जर आवासीय भवन को ध्वस्त किया जाएगा। इसके अलावा कानपुर नगर के रिजर्व पुलिस लाईन और यातायात पुलिस लाइन में जीर्णशीर्ण बैरक, लखीमपुर में पुलिस लाईन में जर्जर भवन, फतेहगढ़ के थाना कमालगंज का प्रशासनिक भवन और आगरा थाना जैतपुर परिसर में स्थित आवासीय भवनों के ध्वस्तीकरण का फैसला लिया गया है।

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