हर ग्राम पंचायत में बनेंगे ग्राम सचिवालय, जनसंख्या नीति को मिली मंजूरी

लखनऊ। प्रदेश में हर ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय (पंचायत कार्यालय भवन) बनाया जाएगा और प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक पंचायत सहायक कम सहायक अकाउंटेंट की भर्ती की जाएगी। इससे करीब 58,189 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इन पर होने वाले व्यय को वित्त आयोग, मनरेगा, ग्राम निधि एवं योजनाओं के प्रशासनिक मद में व्यय किया जाएगा। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि प्रदेश में 58,189 ग्राम पंचायतें हैं। लेकिन प्रदेश में अभी तक ग्राम पंचायतें अपना कार्यालय स्थापित कर इसे व्यवस्थित रूप से चलाने में असमर्थ रही हैं। उन्होंने बताया कि 33,577 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन पूर्व से निर्मित हैं तथा 24,617 पंचायत घर निर्माणाधीन हैं। इन पंचायत भवनों में आवश्यकतानुसार मरम्मत व विस्तार की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि एक ग्रामीण सचिवालय (पंचायत कार्यालय) को सुसज्जित करने के लिए लभगग 1.75 लाख रूपये की मंजूर किए जाएंगे। पंचायत कार्यालय में जनसेवा केन्द्र की स्थापना की जायेगी। बीसी सखी के लिए जगह उपलब्ध करायी जाएगी। पंचायत कार्यालय में विभिन्न योजनाओं,स्रोतों से प्राप्त होने वाली धनराशि का विवरण, जारी आदेश, बीपीएल परिवारों की सूची, विभिन्न योजनाओं के पात्र लाभार्थियों की सूची, जन्म-मृत्यु पंजीकरण प्रपत्र, ग्राम पंचायत के आय-व्यय से संबंधित पुस्तिका भी उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार 58,189 ग्राम पंचायतों करीब 16,000 ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम्य विकास अधिकारी के पद सृजित हैं, इनके सापेक्ष लगभग 10,000 कर्मचारी कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि पंचायत के कामकाज को व्यवस्थित करने और ग्रामीण जनता की मदद के लिए हर ग्राम पंचायत में एक पंचायत सहायक कम सहायक एकाउंटेंट की मानदेय पर भर्ती की जाएगी। उन्हें प्रतिमाह छह हजार रूपये मानदेय दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने ग्राम पंचायतों में ग्रामीण सचिवालय की स्थापना के लिए जारी शासनादेश में कोई भी परिवर्तन मुख्यमंत्री की अनुमोदन से करने का भी प्रस्ताव पारित किया है।

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