एकता हो तो सरल है समस्या का समाधान: दिव्य मोरारी बापू

राजस्थान/पुष्कर। परम पूज्य समेत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि आज भी धर्म में लोगों की प्रीति है। हम चाहे अपने जीवन में न ला पायें किंतु यह तो स्वीकार करते हैं कि बात सही है। बात बिल्कुल सही है किंतु समस्या को समझने के बाद उसको सुलझाने के लिये सक्रिय होना यही सत्संग का हेतु है।सज्जन बनो, सक्रिय सज्जन बनो और संगठित सक्रिय सज्जन बनो तो समस्या नहीं रहेगी। समाज को दुर्जनों की दुर्जनता से उतना नुकसान नहीं हुआ, जितना सज्जनों की निष्क्रियता से हुआ है। अब समस्या यह है कि भारत का सज्जन निष्क्रिय बैठा है। दुर्जनों की दूर्जनता समस्या नहीं है। सज्जनों की निष्क्रियता यह समस्या है। व्यक्ति सज्जन बने, सक्रिय बने और संगठित बने। उनमें एकता हो तो समस्या का समाधान सरल है। सत्यम् के उपासक पत्रकार, शिवम् के उपासक कथाकार और सुंदरम् के उपासक कलाकार। इन सब का दायित्व है, कर्तव्य है समाज को जागृत करें। ऐसी-वैसी चीजों को टी0वी0 में दिखाकर समाज को बुराइयों में मूर्छित न करें, उन्हें जागृत करें, वासना में मूर्छित कर उन्हें सुलाने वाली बात हुई जबकि कर्तव्य यह है कि उन्हें जगायें। आज संतों की वाणी को पत्रकार जन-जन तक पहुंचाते हैं। इसी वाणी को टी0वी0 के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास हो रहा है। यह आवश्यक है, सराहनीय है, स्वागत है इसका। दौलत को दौलत इसलिये कहते हैं कि जब वह आती है तब भी लात मारती है तो मुंह ऊंचा हो जाता है अहंकार में, ” मैं करोड़पति हूं “। लेकिन जब वह जाती है तब भी लात मारकर जाती है पीछे से तो मुंह नीचा हो जाता है, ” मैं रोडपति हूं ” करोड़पति से रोडपति बना देती है। श्रीमंत वह है जो श्री को, लक्ष्मी को प्रभु की पत्नी मानकर के प्रभु कार्य में लगाता रहे। जो माने कि लक्ष्मी माता है और मालिक भगवान है, हम तो मुनीम हैं। मालिक न बनो, मुनीम बनो। तो नफा नुकसान की चिंता नहीं रहेगी। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना । श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम काॅलोनी, दानघाटी,बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन,जिला-मथुरा (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर, जिला-अजमेर (राजस्थान)।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *