नई दिल्ली। भारत की आर्थिक वृद्धि दर आने वाली तिमाहियों में मजबूत रहेगी। हालांकि खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी के साथ महंगाई दर ऊंची रह सकती है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने बुधवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 9.5 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि 2022-23 में यह 7 फीसदी रह सकती है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के निदेशक (सॉवरेन) एंड्रयू वुड ने कहा कि भारत के राजकोषीय घाटे की कमजोर स्थिति एवं जीडीपी के मुकाबले कर्ज 90 फीसदी के करीब पहुंचने को देखते हुए राजकोषीय स्थिति में और गिरावट को रोकने व इसे कुछ हद तक सुदृढ़ करने के लिए बाजार मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर महत्वपूर्ण है। राजकोषीय घाटा अगले दो साल तक ऊंचा बना रहेगा, लेकिन कर्ज/जीडीपी अनुपात स्थिर होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि महामारी के संदर्भ में भारत की बाह्य स्थिति मजबूत हुई है। देश ने रिकॉर्ड गति से विदेशी मुद्रा भंडार जुटाया है। वहीं एसएंडपी के अर्थशास्त्री (एशिया-प्रशांत) वी राणा ने कहा कि हम तीसरी और चौथी तिमाही में मजबूत आर्थिक वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।