उत्तराखंड। हरिद्वार, देहरादून, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल में सात-सात समितियां धान की खरीद करेंगी। जिन क्रय संस्थाओं में स्टाफ की कमी है, वहां तीन माह के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी, ताकि धान क्रय केंद्रों को सही ढंग से चलाया जा सके। यह बात सहकारिता विभाग के निबंधक आनंद स्वरूप ने राज्य सहकारी संघ मुख्यालय में विभिन्न जनपदों के धान खरीद केंद्रों की समीक्षा बैठक के दौरान कही। निबंधक आनंद स्वरूप ने बताया कि पिछले साल की तुलना में एक-एक क्रय केंद्र ज्यादा खोले जाएं। उन्होंने कहा कि राज्य सहकारी संघ देश के विभिन्न राज्यों में आयोजित होने वाले विपणन मेलों में प्रतिभाग करें और उत्तराखंड के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाएं। उत्तराखंड में उत्पादित होने वाले अनाजों, दालों और अन्य फसलों का उचित मूल्य दिलाकर यहां के किसानों को लाभ प्रदान करें। निबंधक ने सभी क्रय केंद्रों की रिपोर्ट चार दिन के भीतर रजिस्ट्रार कार्यालय में उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वह एक सप्ताह के भीतर पुन: धान खरीद केंद्रों की समीक्षा करेंगे। निबंधक ने कहा कि उत्तराखंड सहकारी संघ को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि संघ के दो बड़े स्टोर मुंबई और दिल्ली में खोले जाएं। इन स्टोरों में पहाड़ी दालें, लाल चावल और अन्य पहाड़ी उत्पाद बेचे जाएं। ताकि उत्तराखंड के उत्पादों को बढ़ावा मिल सके। महानगरों में पहाड़ी दालों और चावल की बहुत डिमांड रहती है। इस दौरान यूसीएफ के एमडी एमपी त्रिपाठी ने सहकारी संस्थाओं के क्रय केंद्रों को विश्वास दिलाया है कि इस खरीद वर्ष में एक भी रुपये का व्यय संस्थाओं को नहीं करने दिया जाएगा। सभी आवश्यक सुविधाएं, यूसीएफ के माध्यम से की जाएंगी। जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्रदान किया जा सके। बैठक में वर्चुअल रूप से हरिद्वार के जिला सहायक निबंधक मान सिंह सैनी, यूसीएफ के जिला प्रंबधक वीर सिंह, देहरादून के एआर राजेश चौहान, जिला प्रबंधक प्रभारी सुशील तिवाड़ी, मुख्य कार्याधिकारी यूसीएफ के ओएसडी पान सिंह राणा, रानीखेत ड्रग कंपनी के गंगा सिंह पंवार, नैनीताल के जिला सहायक निबंधक बलवंत सिंह मनराल, ऊधमसिंह नगर के एडीसीओ महेश लाल टम्टा, जिला प्रबंधक हेम चंद्र कांडपाल, प्रबंधक त्रिभुवन रावत, यूएन कोठियाल आदि मौजूद थे।