उत्तराखंड। लव जिहाद को रोकने और धार्मिक स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए उत्तराखंड के धर्मांतरण कानून को पहले से सख्त बनाया जाएगा। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों के साथ चर्चा की। इस कानून को उत्तर प्रदेश के कानून की तर्ज पर सख्त और प्रभावी बनाया जाएगा। समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से भी बात की। उन्होंने कहा कि पुलिस के कामकाज को आधुनिक और तेज बनाने लिए डीजीपी अशोक कुमार व अन्य अधिकारियों के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की गई है। इनमें से कई पर सैद्धांतिक मंजूरी भी दी गई है। बैठक में थाने चौकियों के निर्माण, वाहन खरीद और विभिन्न नियमावलियों को लेकर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सितंबर में ही पुलिस भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसके साथ ही पीएसी के लिए बसों की खरीद को भी सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। पीएसी की आवाजाही को सुविधाजनक बनाया जा सके। इस दौरान उन्होंने धर्मांतरण कानून के विषय पर भी बात कही। कहा कि उत्तराखंड में धर्मांतरण को कानून को सख्त बनाए जाने पर चर्चा हुई है। लव जिहाद को रोकने और धार्मिक स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए यह बेहद आवश्यक है। कानून को सख्त बनाने को अधिकारियों से इसका मसौदा तैयार करने को कहा गया है। उम्मीद है कि उत्तराखंड में पहले से अधिक प्रभावी और सख्त कानून धर्मांतरण के खिलाफ तैयार हो सकेगा। बता दें कि उत्तराखंड में धार्मिक स्वतंत्रता कानून को वर्ष 2018 में मंजूरी मिली थी। इसके बाद से कुछेक मुकदमे ही राज्य में दर्ज हुए हैं।