हिमाचल प्रदेश। राज्य की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 17 सितंबर को होने वाले विशेष सत्र को यादगार बनाने के लिए विधानसभा सचिवालय ने पूरी ताकत झोंक दी है। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने विधानसभा सचिवालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 17 सितंबर को सुबह 11:00 बजे विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करेंगे। राज्य की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले 51 कार्यक्रमों में से एक विशेष सत्र को यादगार बनाने के लिए विधानसभा के तमाम पूर्व सदस्यों को सत्र में बुलाया गया है। सत्र के सफल आयोजन के लिए बुधवार को विधानसभा में एक सर्वदलीय बैठक भी आयोजित होगी। पूर्व मुख्यमंत्रियों शांता कुमार और प्रेम कुमार धूमल समेत कुल 93 पूर्व विधायकों ने सत्र में आने की पुष्टि की है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना ने प्रदेश के स्वर्णिम वर्ष के कार्यक्रमों में विघ्न डाला है लेकिन इसके बावजूद प्रदेश सरकार इन कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान खासकर हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार को याद किया जाएगा। हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व का दर्जा हासिल करने में जिन-जिन लोगों का योगदान रहा है, यह सत्र पूरी तरह से उनको समर्पित होगा। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी भी शामिल हैं। परमार ने कहा कि विशेष सत्र के दौरान कोरोना एसओपी का कड़ाई से पालन किया जाएगा। सत्र में आगंतुकों को आने की अनुमति नहीं होगी। राष्ट्रपति की सुरक्षा के मद्देनजर विधानसभा में उनके आसपास रहने वाले सचिवालय के 96 अधिकारियों और कर्मचारियों का आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य किया गया है। परमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र के तुरंत बाद विधानसभा परिसर में ही पूर्व विधायकों का सम्मान समारोह होगा। इस समारोह में पूर्व विधायक हिमाचल के निर्माण में अपने अनुभवों को भी साझा करेंगे। इस मौके पर राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर एक पुस्तक ‘हूज हू’ का विमोचन भी करेंगे जिसमें सभी पूर्व व वर्तमान सदस्यों का ब्योरा होगा।